दुर्घटना रोकने शुरू किया गया विकास कार्य बना रहता दुर्घटनाओं का कारण, सड़क खोदकर भूल गई नगर निगम, विजयनगर एकता चौक पर जनता परेशान
उखड़ी पर हुई मासूम की मौत के बाद जगा था नगर निगम, रश्म अदा कर के फिर सोया

जबलपुर यश भारत। 6 नवंबर को उखड़ी तिराहे पर कार की टक्कर में हुई मासूम की मौत के बाद भी नगर निगम द्वारा कोई सीख नहीं ली गई है और घड़ियाली आंसू बहाने के बाद हालात जस के तस हो गए हैं। 6 नवंबर को स्कॉर्पियो की टक्कर से एक मासूम की मौत हो गई थी। इसके बाद आनन फानन में नगर निगम और जनप्रतिनिधि जागे और उन्होंने उखड़ी के साथ-साथ विजयनगर क्षेत्र की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की और तत्काल कुछ काम भी शुरू करें ।लेकिन घटना के चंद दिनों बाद ही शुरू किए गए काम खाना पूर्ति करके बंद हो गए और आधे अधूरे पड़े कार्य परेशानी का कारण बन रहे।
गड्ढा खोदकर भूल गए
उखड़ी से आगे एकता चौक की तरफ नगर निगम द्वारा डिवाइडर के एक्सटेंशन के लिए गड्ढा खोदा था, जो एक महीने से जस का तस पड़ा हुआ है। जहां सड़क पर गड्ढा है और उसके दोनों तरफ मलबे का ढेर लगा हुआ है जो आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है। दिन के समय तो ठीक है लेकिन रात के समय यहां अंधेरा होने के चलते रोज दुर्घटनाएं हो रही है। जबकि यहां ना तो कोई वेरिकेटिंग की गई है ना ही रेडियम लगाए गए ।
ब्रेकर तो बना दिए, मार्किंग करी ही नहीं
उखड़ी पर हुए हादसे के बाद नगर निगम द्वारा तिराहे पर तीनों ओर बड़े-बड़े स्पीड ब्रेकर बना दिए। लेकिन वहां पर कोई भी मार्किंग नहीं की है। रात के समय ब्रेकर दिखते ही नहीं है और उनका आकार इतना बड़ा है की गाड़ियां यहां दुर्घटना का शिकार हो जाती है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाए ब्रेकर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। खानापूर्ति के लिए यह कार्य किया तो गए थे लेकिन इन्हें सही तरीके से नहीं किया गया ऐसे में कार्य प्रणाली पर सवाल तो उठेगा ही।
बस फोटो सेरेमनी थी
मासूम की मौत के बाद आम जनता के गुस्से को देखते हुए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और नगर निगम के प्रमुख हादसे स्थल पर पहुंचे थे उसके बाद उन्होंने एक डेढ़ किलोमीटर की पैदल यात्रा करी अधिकारियों को निर्देश दिए। फोटो खिंचवाई वह अखबारों में छपी सोशल मीडिया पर बयान जारी किए गए, लेकिन 2 महीने का समय बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए। बल्कि इनके आधे अधूरे निर्माण दुर्घटनाओं को और बढ़ावा दे रहे हैं।