दो साल पहले जमा किए रुपए अब तक नहीं मिले फ्लैट

दो साल पहले जमा किए रुपए अब तक नहीं मिले फ्लैट
– श्याम नगर में फ्लैट की मांग को लेकर नगर निगम कमिश्रर को दिया ज्ञापन
भोपाल यशभारत। शहर में झुग्गी बस्तियों को पक्का आवास दिलाने का सपना दिखाकर वर्ष 2022 में जिन परिवारों से रकम जमा कराई गई थी, वे आज भी आवंटित फ्लैटों के इंतजार में भटक रहे हैं। राजधानी के श्याम नगर पार्ट-2 में बने रहने वाले करीब 240 हितग्राहियों को अप्रैल 2022 में नगर निगम द्वारा फ्लैट आवंटित किए गए थे। राशि जमा करने के बाद निगम अधिकारियों से आश्वासन मिला था कि फ्लैट सौंप दिए जाएंगे, लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी फ्लैट नहीं मिले। श्याम नगर में फ्लैट की मांग को लेकर नगर निगम कमिश्रर को ज्ञापन दिया गया है।
इन आवासों का इंतजार कर रहे अधिकांश परिवार झुग्गियों में रहने वाले श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी और छोटे ठेले-टपरे लगाने वाले लोग हैं। निगम की शर्तों के चलते इन हितग्राहियों ने बड़ी मुश्किल से दो-दो लाख रुपए जुटाकर जमा किए। किसी ने यह रकम बैंक से लोन लेकर चुकाई, तो किसी ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों से उधार लिया। कई परिवारों ने तो साहूकारों से ब्याज पर रकम उठाई, ताकि समय पर पूरी राशि जमा की जा सके।
अधिकारी नहीं दे रहे सही जानकारी
लाभार्थियों का कहना है कि जब भुगतान लिया गया था, तब उन्हें यह भरोसा दिलाया गया था कि 24 माह के भीतर फ्लैट तैयार हालत में उपलब्ध करा दिए जाएंगे। मगर आज न तो फ्लैट मिलने की कोई निश्चित तारीख बताई जा रही है और न ही कार्य प्रगति की आधिकारिक जानकारी साझा की जा रही है। इससे 240 परिवार असमंजस और मानसिक तनाव की स्थिति में हैं। उधार की गई रकम पर ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं अस्थायी झुग्गियों में रहना मजबूरी बन गया है।
समय सीमा का पालन नहीं होने से परेशानी
परेशान हितग्राहियों का आरोप है कि निगम द्वारा राशि जमा करने के बाद निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई और समय-सीमा का पालन नहीं किया गया। कई बार शिकायतें और आवेदन देने के बावजूद उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है। लाभार्थियों का कहना है कि यदि समय पर फ्लैट नहीं दिए जाएंगे तो उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ जाएगी, क्योंकि ब्याज की किश्तें चुकाने में ही बड़ी मुश्किलें आ रही हैं। हितग्राहियों ने नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि परियोजना की स्थिति स्पष्ट की जाए और फ्लैटों का शीघ्र आवंटन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही लाभार्थियों द्वारा जमा की गई रकम की सुरक्षा और ब्याज की भरपाई को लेकर भी स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं।







