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नगर निगम में जारी किया फरमान, सरकारी भवनों में अनिवार्य किया वाटर हरवेस्टिंग सिस्टम, विभाग स्वयं करें निर्माण अन्यथा नगर निगम बनायेगा सिस्टम

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जबलपुर, यशभारत। भूगर्भीय जल का स्तर लगातार नीचे गिरते जा रहा है। कटते पेड़, बढती गर्मी और अतिक्रमणकारियों के कारण नदी, नालों, तालाबों और जलाशयों में जल धारण क्षमता क्षेत्र में कमी आई है। भूगर्भीय जल स्तर में बढ़ोतरी के लिए वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को लागू करने सरकार ने नीति बनाई है, परंतु उसका परिपालन नहीं हो रहा है। जिसको लेकर नगर निगम में सबसे पहले बड़े सरकारी भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने को लेकर आदेश जारी किया है। जानकारी के अनुसार तहसील कार्यालय बड़ी सरकारी बैंकों, एमपीईवी के कार्यालय, पुलिस थाने, एसपी ऑफिस, प्रदूषण ऑफिस जैसे कई बड़े कार्यालय में नगर निगम ने तत्काल प्रभाव से वाटर हार्वेस्टरिंग सिस्टम लगाने को लेकर नोटिस जारी किया है और कहा है कि जल्द से जल्द जलस्तर बढ़ने के लिए वह अपने कार्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था शुरू करें।

निगम करेगा सहयोग

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने को लेकर जो बड़े सरकारी कार्यालय में आदेश जारी किया गया है उसको लेकर नगर निगम तकनीकी रूप से पूरी सहायता प्रदान करेगा और यदि संबंधित कार्यालय वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा पता है तो फिर नगर निगम सिस्टम लगाएगी और उसकी पूरी लागत संबंधित विभाग से वसूली जाएगी। जिसको लेकर आदेश में स्पष्ट जानकारी दी गई है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं इसके आधार पर प्रदेश सरकार और क्षेत्रीय प्राधिकरण व निगम काम करते हैं ऐसे में पहले से बने हुए सरकारी कार्यालय में यह व्यवस्था नहीं बनाई गई है जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है।

140 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट में अनिवार्य है हार्वेस्टिंग

नक्शे स्वीकृति के लिए आवेदन के साथ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निर्धारित शुल्क जमा करवाया जाता है। निजी व बिल्डर उक्त राशि जमा कर देते हैं, परंतु वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाते हैं। नगर निगम क्षेत्र सहित सभी नगरीय निकाय में घर बनाने की अनुमति के साथ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को पालन करना आवश्यक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत लोग भवन की अनुज्ञा प्राप्त करने के लिए दी जाने वाली फीस के साथ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए रकम जमा कराते हैं और फिर वाटर हार्वेस्टिंग बन जाने की सूचना नगर निगम में देते हैं। नक्शा स्वीकृति आवेदन के साथ निर्धारित नगर निगम में जमा करवा दी जाती है। निजी व्यक्ति व बिल्डर घर तो बनवा लेते हैं पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाना जरूरी नहीं समझते हैं। जबकि नियम स्पष्ट है कि कोई भी प्लॉट जो 140 वर्ग मीटर यानी 1506 स्क्वायर फीट से अधिक का होगा वहां सिस्टम लगाना अनिवार्य है। जिसके लिए अलग-अलग प्लॉट साइज के हिसाब से 7000 से लेकर 15000 तक की धरोहर राशि निर्धारित की गई है।

 

सिर्फ 20 प्रतिशत लोग लगा रहे सिस्टम

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नक्शा स्वीकृति के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निर्धारित शुल्क जमा करवाया जाता है। नक्शा स्वीकृति के जितने आवेदन आते हैं उसमें से सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम घरों में लगाते हैं। निर्धारित शुल्क जमा करने के बावजूद 80 प्रतिशत लोग सिस्टम नहीं लगाते हैं।

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कमिश्नर मैडम के आदेश पर बड़े सरकारी कार्यालय को नोटिस जारी किया गया है जिसमें उनके परिसर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया गया है जिसको लेकर नगर निगम पूरी तकनीकी सहायता करेगा और यदि यह विभाग अपने भावनाओं में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाते हैं तो फिर नगर निगम सिस्टम बनाएगा और इसकी लागत विभाग के द्वारा दी जाएगी।

मनीष तड़से
भवन अधिकारी
नगर निगम जबलपुर

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