क्रिकेट खेलते आरक्षक को कार्डियक अरेस्ट से मौत
लार्डगंज थाने में पदस्थ आरक्षक की अचानक खेल मैदान में क्रिकेट खेलते हुए अटैक आने के उपरांत मौत

जबलपुर यश भारत।
लार्डगंज थाने में पदस्थ आरक्षक की अचानक खेल मैदान में क्रिकेट खेलते हुए अटैक आने के उपरांत मौत हो गई जानकारी के अनुसार, रविवार शाम को लगभग 28 बर्षीय सौरभ शुक्ला चरगवां के पास क्रिकेट टूर्नामेंट में स्थानीय युवकों के साथ क्रिकेट मैच खेल रहा था तभी रात 11 बजे अचानक उसकी तबीयत बिगडऩे लगी और उसने अचानक कमजोरी महसूस की, जिसके बाद साथियों ने उसे पास के पेड़ के नीचे आराम करने की सलाह दी। कुछ देर बाद वह बेहोश होने लगा जिससे घबराकर वह साथी खिलाड़ी तुरंत उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसके मुंह पर कफ आगया और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई अस्पताल लाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने शुरुआती जांच में आशंका जताई कि आरक्षक की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। सूचना मिलते ही लार्डगंज थाने व पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और पंचनामा कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम मेडिकल भेज दिया गया है पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा।
विभाग में शोक की लहर
आरक्षक सौरभ की अचानक मौत से परिवार व पुलिस विभाग में कोहराम मच गया। वह पिछले दिनों से घर में शादी समारोह के चलते अवकाश पर था और नरसिंहपुर गोटेगांव का रहवासी था। कुछ दिन पूर्व भी सौरभ साइबर सेल सेथाने में पदस्थ हुआ था और साइबर का अच्छा खासा जानक था। इसके अलावा बेहद मिलनसार और खेलकूद में रुचि रखने वाला युवक था।
स्वास्थ्य कारणों की अनदेखी बन रही जानलेवा
हाल के वर्षों में युवाओं में अचानक दिल का दौरा पडऩे के मामले बढ़े हैं, खासकर खेल या व्यायाम के दौरान। विशेषज्ञों के अनुसार, अनियमित जीवनशैली, मानसिक तनाव, अनियंत्रित खानपान और बिना जांच के अत्यधिक शारीरिक परिश्रम से हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से
होगा खुलासा
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की सही वजह स्पष्ट हो सकेगी। पुलिस ने कहा कि अगर कोई अन्य मेडिकल कारण सामने आता है, तो उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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रात 11 बजे सूचना मिली कि क्रिकेट खेलते समय लार्डगंज थाने में पदस्थ आरक्षक सौरभ शुक्ला उम्र 28 वर्ष की कार्डियक अरेस्ट के चलते मौत गई है जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल भेज दिया गया है
एएसपी, जबलपुर
जबलपुर में हर छठे व्यक्ति का ब्लड प्रेशर हाई, 10वां व्यक्ति डायबिटीज से पीडि़त
जबलपुर शहर में हाल ही में सामने आई स्वास्थ्य रिपोर्ट ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. रोज़ की भागदौड़, बदलता खानपान और बिगड़ती दिनचर्या अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एक विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार, जबलपुर में हर छठा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से पीडि़त है, जबकि हर दसवां व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में है. सरकारी अभियान के तहत 30 वर्ष या उससे अधिक आयु के करीब 3.97 लाख लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इस दौरान सामने आया कि करीब 65 हजार लोग हाई बीपी के मरीज हैं, जबकि 38 हजार डायबिटीज से जूझ रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि 24 हजार लोगों में दोनों ही बीमारियां पाई गईं. विक्टोरिया हॉस्पिटल की नोडल अधिकारी डॉ. सारिका दुबे बताती हैं कि सरकार ने 20 फरवरी से 21 मार्च तक विशेष अभियान चलाया था. इस दौरान शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क जांच की व्यवस्था की गई थी. अभी भी जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में यह सुविधा उपलब्ध है, जहां लोग अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा सकते हैं.रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि सीबीसी, एलएफटी जैसे टेस्ट के साथ ज़रूरत पडऩे पर सोनोग्राफी भी की गई. डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ 40 या 50 की उम्र में ही नहीं, अब तो 30 पार करते ही बीमारियां शरीर में जगह बना रही हैं. इसका सबसे बड़ा कारण तनाव, शारीरिक निष्क्रियता और अनियमित खानपान है।