देश

किसानों के साथ छलावा .3 की जगह 8 और 5 की जगह 15 हार्स पावर का भेज दिया बिल, फर्जीवाड़ा का भारत कृषक समाज के जिला उपाध्यक्ष ने उठाया गया

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

जबलपुर यशभारत। भोले भाले किसानों के साथ विद्युत कम्पनी द्वारा भारी छलावा किया जा रहा है।विद्युत कंपनी द्वारा जब किसानों को उनके मोटर पंप का मन माफिक बिल दिया गया तो किसानों को जबरदस्त झटका लगा। इस फर्जीवाड़ा के संबंध में भारत कृषक समाज से मिली जानकारी के मुताबिक म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी द्वारा किसानो को 3 हार्स पावर की जगह 8 हार्स पावर और 5 हार्स पावर की जगह 10 एवं 15 हार्स पावर के बिल भेजकर अवैध वसूली का षडयंत्र रचा गया।
उल्लेखनीय है कि म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी द्वारा 12 सितंबर 2024 को सभी किसानों को मोबाइल पर मैसेज भेजे गये कि उनके कृषि पंप की जांच में स्वीकृत भार से अधिक भार पाया गया है, यदि कोई आपत्ति है तो 15 दिवस के अंदर संबंधित विद्युत वितरण केन्द्र मे शिकायत दर्ज करें या 1912 मे शिकायत मे आनलाइन शिकायत करें। किसानों को उक्त संदेश प्राप्त होते ही उनमें हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई और वह सकते मे आ गये। चूंकि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मैसेज मे उल्लेखित पम्पों की जांच की बात पूर्ण रूप से फर्जी थी।कंपनी द्वारा पंपों की नियमानुसार,विधिवत जांच किये बिना हार्ष पावर बढ़ाने के संदेश दिये गये थे। जिसकी शिकायत किसानो ने अपने अपने अपने विद्युत वितरण केन्द्र मे दी और अपनी आपत्ति दर्ज कराई व पूर्व के बिलों के आधार पर बिलिंग करने का अनुरोध किया।
जांच कराई तो खुल गई पोल
वस्तु स्थिति की जानकारी के लिए एक उदाहरण के रूप मे किसानों के गैर राजनैतिक, वर्ग विहीन, राष्ट्रीय संगठन भारत कृषक समाज ने जब 25 नवंबर को जबलपुर जिले के पनागर वि वि केन्द्र के जूनियर इंजीनियर को दबाव देकर ग्राम सिंगौद (पनागर) के एक कृषक के पंप जो की तीन हार्स पावर का है और उन्हे 8 हॉर्स पावर का बिल थमाने की जांच कराई गई तो जांच उपरांत पंप तीन हार्स पावर का ही पाया गया। जिसे कंपनी द्वारा नकली जांच के नाम पर 8 हार्स पावर बताया जा रहा था। इससे यह प्रमाणित हो गया कि विद्युत कम्पनी द्वारा प्रेषित मैसेज में कही गई जांच की बात पूरी तरह से झूठ है।
भारत कृषक समाज ने मीटिंग में उठाया था मुद्दा
विगत दिनों जबलपुर कलेक्टर के साथ कृषकों की हुई मीटिंग के दौरान विद्युत् कंपनी के द्वारा किये गये फर्जीवाड़ा को भारत कृषक समाज के जिला उपाध्यक्ष सुभाष चंद्रा द्वारा जोरदारी से उठाया गया और पूरे मामले पर जांच कराने का आग्रह किया गया।
अधीक्षण यंत्री द्वारा किसानों को बेईमान करार कर दिया
अधीक्षण यंत्री ने किसानों
उक्त मीटिंग के दौरान सुभाष चंद्रा ने कलेक्टर को यह भी शिकायत की। विद्युत् कंपनी के अधीक्षण यंत्री (ग्रामीण) से जब इस सम्बन्ध मे फोन पर बात की गई तो उन्होंने किसानों के लिए अपशब्दों का उपयोग करते हुए उन्हे बेईमान तक करार कर दिया। मीटिंग में यह भी जानकरी दी गई कि वर्ष 2014 मे भी कृषकों के साथ ऐसा ही लूट का षडयंत्र रचा गया था, किसानों की ओर से मामला भारत कृषक समाज द्वारा विद्युत् उपभोक्ता फोरम मे निराकरण के लिए पेश किया गया था जिसके बाद सघन जांच पड़ताल हुई जिसमें विद्युत् वितरण कंपनी को पूर्ण रूप से गलत पाया गया था।
अधिकारी दिशा निर्देशों की कर रहे अवहेलना
हैरानी की बात यह है कि ऊर्जा विभाग द्वारा कृषकों के पंप की जांच हेतु स्पष्ट दिशानिर्देश बनाये गये हैं। परंतु अधिकारी मनमानी कर रहे है और गाईड लाईन का बेखौफ उल्लंघन कर रहे है और बार बार षडयंत्र करके कृषकों न केवल लूटने का काम किया जा रहा है बल्कि किसानों को खेती बाडी के काम से दूर कर न केवल विद्युत कंपनी के कार्यालयों मे चक्कर लगाने मजबूर किया जा रहा है।
न्यायालय की शरण लेने मजबूर होंगे किसान
सरकार से विद्युत कम्पनी के किसानों से अवैध वसूली के इस कुत्सित प्रयास को रोकने तथा किसानों को आर्थिक एवं मानसिक शोषण से बचाने पत्रों के माध्यम से कई बार निवेदन किया गया है।यदि सरकार इसे संज्ञान मे नही लेती तो किसान न्यायालय की शरण लेने मजबूर होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Notifications Powered By Aplu