चंद्रयान आज शाम करीब 7 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो जाए इसके लिए यान की स्पीड कम करनी होगी। स्पीड कम करने के लिए इसरो के बेंगलुरु हेडक्वार्टर में मौजूद वैज्ञानिक यान के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर करेंगे।
1 अगस्त को रात करीब 12 बजे चंद्रयान-3 को पृथ्वी की ऑर्बिट से चांद की तरफ भेजा गया था। इससे पहले चंद्रयान ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा था, जिसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 236 km और सबसे ज्यादा दूरी 1 लाख 27 हजार 603 किलोमीटर थी। ये 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करेगा।