भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल: अरनव अस्पताल की फर्जी रिपोर्ट मामले में CMHO ने दो अधिकारियों को जारी किया नोटिस

अरनव अस्पताल की फर्जी रिपोर्ट मामले में CMHO ने दो अधिकारियों को जारी किया नोटिस

लापरवाही और कूटरचित निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर शासन को गुमराह करने का आरोप

NSUI ने निलंबन और FIR दर्ज करने की मांग की

भोपाल, यशभारत। राजधानी के अरनव अस्पताल एवं एनआरआई नर्सिंग कॉलेज की कथित कूटरचित और फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार किए जाने के गंभीर मामले में स्वास्थ्य विभाग ने प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) भोपाल ने निरीक्षण में अनियमितता बरतने वाले दो वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

CMHO डॉ. मनीष शर्मा ने यह कार्रवाई एनएसयूआई (NSUI) प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए की। जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रितेश रावत और यू.पी.एच.सी. सांई बाबा नगर में पदस्थ डॉ. अभिषेक सेन शामिल हैं।

नोटिस में गंभीर त्रुटियों का उल्लेख

जारी नोटिस में दोनों अधिकारियों से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन पर आरोप है कि निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल की वास्तविक स्थिति का भौतिक सत्यापन नहीं किया और जानबूझकर भ्रामक एवं फर्जी जानकारी प्रस्तुत करते हुए निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के आधार पर शासन और प्रशासन को गुमराह किया गया।

NSUI का CMHO कार्यालय पर घेराव

मामले की गंभीरता को देखते हुए, गुरुवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार और जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में CMHO कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी और आपराधिक कार्रवाई किए जाने की मांग की।

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने इस कार्रवाई को केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि गंभीर अपराध की श्रेणी में बताया। परमार ने सख्त मांग करते हुए कहा, “दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और इस पूरे प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर आपराधिक कार्रवाई की जाए।”

जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने चेतावनी दी कि यदि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े को बढ़ावा मिलेगा, जिसका सीधा असर मरीजों और नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, संगठन इस मामले को लगातार उठाता रहेगा।

तोमर ने आगे कहा कि यदि नर्सिंग कॉलेजों की फर्जी फैकल्टियों और उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती है, तो एनएसयूआई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर न्याय की मांग करेगी। स्वास्थ्य विभाग की इस प्रारंभिक कार्रवाई से जहां प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है, वहीं NSUI की FIR और निलंबन की मांग ने मामले को और गर्मा दिया है।

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