भोपाल

भोपाल: अस्पताल और धार्मिक स्थल के पास शराब की दुकान पर बवाल

भोपाल: अस्पताल और धार्मिक स्थल के पास शराब की दुकान पर बवाल

 मानवाधिकार आयोग की सख्ती के बाद जागा प्रशासन

कांग्रेस ने कहा- “शराब माफियाओं से मिलीभगत”, कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी

​भोपाल, यशभारत। भोपाल की पॉश अरेरा कॉलोनी में एक आवासीय भूखंड पर अवैध रूप से चल रही शराब की दुकान-कम-बार अब जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गई है। लगातार शिकायतों को अनदेखा करने के बाद, अब यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) तक पहुंच गया है, जिसने भोपाल के आबकारी आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट को समन जारी किया है। इस सख्ती के बाद, प्रशासन ने आनन-फानन में हरकत में आते हुए रहवासियों के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं।

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​यह पूरा मामला तब सामने आया जब रहवासियों ने बार-बार शिकायत की कि सोमा ग्रुप द्वारा एक ही दीवार से सटे बच्चों के अस्पताल और एक धार्मिक स्थल के पास शराब की दुकान चलाई जा रही है। महीनों तक कोई कार्रवाई न होने पर, स्थानीय लोग मानवाधिकार आयोग पहुंचे।
​आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 28 जुलाई 2025 को संज्ञान लिया और जिला मजिस्ट्रेट से 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) मांगी। हालांकि, आयोग के निर्देशों और 19 अगस्त को भेजे गए अनुस्मारक (रिमाइंडर) को भी नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद, आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों अधिकारियों को 3 अक्टूबर 2025 को दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।
​आयोग के इस सख्त रवैये के बाद, आज आबकारी विभाग ने शिकायतकर्ताओं और अन्य रहवासियों के बयान लिए। सभी ने एकमत से इस अवैध दुकान को तुरंत बंद करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे विभाग के कार्यालय के सामने धरना देंगे।

​कांग्रेस का सरकार पर हमला
​कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने इस पूरे प्रकरण पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है कि आयोग की बार-बार की चेतावनी के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि शराब माफियाओं के साथ खुली मिलीभगत है।” त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि एक ही दीवार से सटे अस्पताल और शराब की दुकान कैसे चल सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता की सुरक्षा की बजाय माफियाओं के मुनाफे की रखवाली कर रही है।

​शिकायतकर्ता पूर्णेंदु शुक्ला ने इसे नियमों का उल्लंघन और समाज के खिलाफ एक गंभीर अपराध बताया, जबकि लवनीश भाटी ने कहा कि यह सब आबकारी विभाग और प्रशासन की मिलीभगत का नतीजा है।

​त्रिपाठी ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर इस दुकान को तुरंत बंद कर, लाइसेंस रद्द नहीं किया गया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर जनता के हित में बड़ा आंदोलन करेगी।”

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