
सागर, यशभारत। बागेश्वर सरकार इस बार फिर नए विवाद में फंसते हुए नजर आ रहे है। बागेश्वर सरकार इस बार सिख समुदाय की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था एसजीपीसी यानी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के निशाने पर हैं। उनके एक बयान पर एसजीपीसी ने नाराजगी जताई है और कहा है कि बाबा बागेश्वर को सिख धर्म के बारे में कुछ भी पता नहीं है। बता दें कि बाबा बागेश्वर ने कुछ समय पूव्र सिख धर्म को सनातन धर्म की रक्षा के लिए पैदा होने वाला धम्र बताया था। और सिख धर्म को सनातन की सेना कह दिया था।
बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री अब नए विवाद में फं स गए हैं। हाल ही में उन्होंने अपने एक कार्यक्रम में सिखों पर टिप्पणी कर दी। जिस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने आपत्ति जताई है। दरअसल कुछ समय पूर्व पंजाबी गायक इंद्रजीत निक्कू बाबा के दरबार में गए थे। वहां पर उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात की। उनसे मुलाकात के दौरान बाबा ने सिख धर्म को सनातन की सेना कह दिया।
इस कार्यक्रम में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि जब कश्मीरी पंडितों को मारा जा रहा था, तब सिख धर्म के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर साहब उनकी रक्षा के लिए आगे आए थे। सरदार हमारे सनातन धर्म की सेना हैं। उन्होंने आगे कहा कि पांच प्यारे सनातन धम्र की रक्षा के लिए ही हैं। वहीं सिख जो पगड़ी, कृपाण रखते हैं, वो भी सनातन धर्म की रक्षा के लिए है।
ये है नाराजगी
सिख समुदाय की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था एसजीपीसी यानी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कोई भी बयान अपने आप में बेहद महत्तवपूर्ण होता है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर एसजीपीसी के महासचिव गुरुचरण ग्रेवाल ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि कोई भी धार्मिक बयान देने से पहले बागेश्वर बाबा को सिख धर्म के बारे में जान लेना चाहिए। ये बात सही है कि हमारे कश्मीरी पंडितों की रक्षा की, लेकिन ये सिर्फ हिंदू धर्म के सिख धर्म जुल्म के खिलाफ लडऩे के लिए बना था। किसी पर जुल्म होगा, तो वो सिख खड़े होंगे। उन्होंने बाबा को पांच प्यारों के बारे में भी पढऩे की सलाह दी।