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शहर की सड़कों पर कमरतोड़ गड्ढे, अस्पतालों में बढ़े रीढ़-कमर और गर्दन में दर्द के मरीज

जबलपुर. शहर की सड़कों पर गड्ढों की भरमार है। ये गड्‌ढे वाहन चालकों को दर्द दे रहे हैं। कई बार इनमें पानी भरा होने पर यह पता ही नहीं चलता है कि गड्‌ढा कितना गहरा है। जब वाहन उसमें उतरता हो तो जोरदार झटका लगता है। ऐसे में वाहन चालक रीढ़ की हड्डी समेत कमर दर्द से परेशान हैं। सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों को मिट्टी और मुरम भरकर छोड़ दिया गया। बारिश से सड़कों क ऊपर की परत बह गई. इससे खतरा और बढ़ गया है।
गड्ढे भरने में भी लापरवाही
सड़कों के गड्ढे भरने में भी लापरवाही बरती जा रही है। वाहन का पहिया इन पर पड़ते ही धंस जाते हैं। गड्‌ढे लोगों की हड्डियां तोड़ रहे हैं। कई इलाकों की गड्‌ढेदार सड़कों में हिचकोले खाने से लोगों को गर्दन, कमर और रीढ़ की हड्‌डी से संबंधित तकलीफ हो रही हैं।
स्पांडिलाइटिस, कंधे, गर्दन के दर्द बाले मरीज भी अस्पताल आ रहे हैं। युवाओं में रीढ़ की डिस्क क्षतिग्रस्त होने की समस्या आ रही है। लोगों को रोलॉजिकल, मस्कुलर और अस्थि से संबंधित तीनों प्रकार के दर्द की समस्या हो रही है। नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव का कहना है कि सड़कों के गड्‌ढों की बरसात के मौसम के अनुरूप मरम्मत कराई जाएगी, जिससे उन्हें मोटरेबल बनाया जा सके।

सपाट सड़कों को खोद दिया
गढ़ा के शाहीनाका, गंगा नगर, चंदन कॉलोनी, नव निवेश कॉलोनी, रुवाक्ष पार्क, भूकम्प कॉलोनी इलाकों में सीवर लाइन बिछाने सपाट सड़कों को मानसून सीजन शुरू होने से ठीक खोद दिया गया था। सीवर लाइन बिछाने के बाद ये गड्‌ढे ठीक ढंग से नहीं भरे गए, अब वे ही सड़क दर्घटना का कारण बन रहे हैं।

तीन साल से परेशान धनवंतरि नगर के लोग
धनवंतरि नगर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से लेकर पीएंडटी कॉलोनी समेत कई और इलाकों में तीन साल में सीवर लाइन का काम पूरा नहीं हो सका। सीवर ठेकेदार ने सड़कें खोद डाली, लेकिन कहीं भी गुणवत्तापूर्ण रीस्टोलेशन नहीं किया। इसके कारण बरसात में इन सड़कों के गड्‌ढे और बड़े हो गए। जिनमें गिरकर राहगीर चोटिल हो रहे हैं। कई जगह तो गड्ढे इतने लंबे चौड़े हो गए हैं कि जलभराव होने की स्थिति में वहां वाहन धंस जाते हैं।

सड़कों पर जर्क लगने या गिरने से उम्रदराज लोगों में स्पांडिलाइटिस, कंधे, गर्दन के दर्द वाले मरीज सामने आ रहे हैं। युवाओं में रीढ़ की डिस्क क्षतिग्रस्त होने की समस्या सामने आ रही है।
डॉ. अजय फौजदार,
फिजियोथैरेपिस्ट, मेडिकल अस्पताल

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