ATS ने धर्मांतरण मामले में दिल्ली से एक और गिरफ्तारी की : संस्था की आड़ में चला रहा था सिंडिकेट
धर्म बदलने वालों की नौकरी और शादी का करता था इंतजाम , ATS, 20 जून से अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है

ATS ने धर्मांतरण मामले में गुरुवार को दिल्ली से एक और गिरफ्तारी की है। संस्था के आड़ में धर्म परिवर्तन का सिंडिकेट संचालित हो रहा था। जिसे अमरोहा का सरफराज जाफरी चल रहा था। बता दें कि ATS, 20 जून से अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये लोग धर्म बदलने वालों से नौकरी और शादी कराने की बात कहते थे।
आड़ में हो रहा था पूरा खेल
अमरोहा के दरबार-ए-कला निवासी सरफराज अली जाफरी 2016 से आरोपी कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर का काम देख रहा है। ग्लोबल पीस सेंटर जो कि कलीम सिद्दीकी की ओर से संचालित संस्था है। जिसका काम धर्मांतरण से जुड़ी हरकतों का संचालन करना है। सरफराज जाफरी ग्लोबल पीस सेंटर के अलावा ह्यूमैनिटी फॉर आल, न्यू दिल्ली नाम की संस्था के नाम पर सारा खेल कर रहा था।
बताया जा रहा है कि कथित तौर पर सामाजिक कामों की आड़ में अवैध धर्मांतरण करवा रहा था। संदिग्ध पाए गए सरफराज अली जाफरी को पूछताछ के लिए 29 सितंबर को ही बुलाया गया था। गुरुवार को उसे ग्लोबल पीस सेंटर के पास बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली स्थित उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है। सरफराज अली जाफरी ग्लोबल पीस सेंटर के मैनेजर के तौर पर काम करता था। जो कलीम के दाइयों की ओर से भेजे गए व्यक्तियों को गैर धर्म के बारे में दुष्प्रेरित करता था। उन्हें प्रलोभन देकर इस्लाम स्वीकार करने के लिए तैयार करता था। धर्म बदलने वालों के दस्तावेज तैयार करना और धर्मांतरण के बाद तरबियत कराना उसकी जिम्मेदारी थी। धर्मांतरित व्यक्ति की नई धार्मिक पहचान को नौकरी, शादी व अन्य माध्यमों से सामाजिक तौर पर स्थापित करने का काम करता था। इसके लिए कलीम उसे फंड देता था।
विदेशी फंडिंग में भी मुख्य भूमिका
IG ATS जीके गोस्वामी ने बताया कि देश-विदेश से आई फंडिंग से धर्मांतरण कार्यों के संचालन में सरफराज जाफरी की भूमिका मिली है। सरफराज जाफरी के मोबाइल से ऐसे साक्ष्य प्राप्त हुए है। जिसमें उसके द्वारा धर्मांतरण के लिए हर महीने का एजेंडा तय किया जाता था। दावती कैंप, दावती गश्त, दावत यानी धर्मांतरण के लिए नए जगह चिन्हित करना, प्रचारक आवंटित करना, अभिलेखों का प्रचार-प्रसार, कन्वर्ट व्यक्तियों की तरबियत के क्रम में जमातों में भेजने की व्यवस्था, नौकरी और शादी की व्यवस्था, दूसरे धर्मों के लोगों का मस्जिद विजिट की व्यवस्था कराना, साथ-साथ कन्वर्जन, नोटरी, शादी लिव-इन रिलेशनशिप आदि मामलों के लिए रुपए की व्यवस्था करना। पता चला है कि सरफराज जाफरी आरोपी कलीम सिद्दीकी के नेटवर्क से इस्लामिक दावा सेंटर भी भेजता था।