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एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर से कोरोना वैक्सीन वापस मंगाई, टीके की सुरक्षा को लेकर उठे थे सवाल

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लंदन , एजेंसी। दुनियाभर में कोरोनावायरस महामारी के दौरान लोगों को टीके मुहैया कराने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपना कोरोना का टीका वापस मंगा लिया है। कंपनी ने कहा है कि वह दुनियाभर से अपनी वैक्सजेवरिया वैक्सीन को वापस मंगा रही है। गौरतलब है कि एस्ट्रा जेनेका के लाइसेंस वाली कोविशील्ड वैक्सीन ही भारत में भी कोरोना से बचाव के लिए दी गई थी। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने दावा किया है कि वैक्सीन का अपडेट संस्करण उपलब्ध है, ऐसे में वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मंगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 5 मार्च को ही वैक्सीन वैक्सजेरवरिया को वापस मंगाने का फैसला कर लिया था, लेकिन यह आदेश 7 मई से प्रभावी हुआ। ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका का यह कदम ऐसे वक्त सामने आया है, जब कंपनी ने बीते दिनों ही स्वीकार किया है कि कुछ मामलों में कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट सामने आए हैं और इसकी वजह से कुछ लोगों में थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम बीमारी के लक्षण देखे गए हैं, जिसमें लोगों में खून के थक्के जमने लग जाते हैं।
हरियाणा: अल्पमत में सरकार, क्चछ्वक्क ने संकट को नकारा, दावा- 47 रूरु्रह्य का समर्थन,
चंडीगढ़, एजेंसी। लोकसभा चुनावों की गहमागमही के बीच मंगलवार को हरियाणा की राजनीतिक में एक बड़ा नाटकीय घटनाक्रम में बदले समीकरणों के चलते तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने और कांग्रेस को लोकसभा व विधानसभा चुनाव में समर्थन देने की घोषणा की। चरखी दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने रोहतक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस वार्ता कर इसका एलान किया। तीनों विधायकों ने समर्थन वापसी के लिए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को समर्थन वापसी के लिए पत्र भी लिखा है।निर्दलीय विधायकों के इस कदम से सरकार अल्पमत में तो आ गई है, लेकिन उस कोई संकट नहीं है। क्योंकि जजपा से गठबंधन टूटने के बाद दो महीने पहले ही 12 मार्च को मनोहर लाल के स्थान पर नायब सैनी ने सीएम के तौर पर शपथ ली थी और 13 मार्च को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था और इसमें सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था। इससे पहले बजट सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, लेकिन जजपा और निर्दलीय विधायकों के सहारे मनोहर लाल विश्वास मत हासिल करने में कामयाब रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दावा किया है कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से अब सरकार अल्पमत में आ गई है। इसलिए तुरंत प्रभाव से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और विधानसभा चुनाव कराए जाएं। उधर, भाजपा का दावा है कि सरकार अल्पमत में नहीं आई है और न ही सरकार को कोई खतरा है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि अभी उनके पास सरकार के अल्पमत में होने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।

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