प्रशिक्षण शिविर के बाद भाजपाई उत्साहित तो संगठन सृजन के बहाने कांग्रेसी एक्टिव, दोनों का एक ही उद्देश्य संगठन में कसावट और कार्यकर्ताओं को ऊर्जावान बनाए रखना

जबलपुर यश भारत। प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में इन दिनों सत्ताशीन भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता और कार्यकर्ता एक्टिव मोड पर नजर आ रहे हैं। कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भोपाल प्रवास और उसके बाद पचमढ़ी में आयोजित पार्टी के प्रशिक्षण शिविर सी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता में निसंदेह ही नई ऊर्जा का संचार हुआ है। इधर दूसरी तरफ बात करें कांग्रेस की तो प्रधानमंत्री मोदी के भोपाल प्रवास के दो दिन बाद ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी भोपाल आए और उन्होंने यहां से कांग्रेस संगठन सृजन अभियान की शुरुआत की। भारतीय जनता पार्टी तो वैसे भी संगठनात्मक रूप से कांग्रेस की तुलना में काफी आगे है लेकिन कांग्रेस अभी नए सिरे से पार्टी को मजबूती प्रदान करने और संगठित करने की कवायद में जुटी है और इसी के लिए राहुल गांधी की पहल पर कांग्रेस संगठन सृजन अभियान की शुरुआत की गई है। जिसको लेकर इन दिनों पूरे प्रदेश में केंद्रीय कांग्रेस द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए पदाधिकारियो के दौरे की कार्यक्रम चल रहे हैं। उनके साथ प्रदेश संगठन के द्वारा पर्यवेक्षक बनाए गए शहर और ग्रामीण के प्रभारी भी मौजूद रहते हैं।
दोनो ही दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अपने-अपने गणित
भाजपा हो या कांग्रेस प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अपने-अपने गणित भी हैं। कांग्रेस में जहां शहर और जिला अध्यक्षों का चयन होना है तो भारतीय जनता पार्टी में भी लंबे समय से निगम मंडलों और प्राधिकरण में राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई है सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक बहुत जल्द ही भारतीय जनता पार्टी नगर निगम नगर पालिका और नगर परिषद में एल्डरमैन की नियुक्तियां करने वाली है और उसके बाद निगम मंडलों और प्राधिकरणों में भी नियुक्तियां होना है और लंबे समय से बहुत सारे नेता और कार्यकर्ता इसका बेसब्री से इंतजार भी कर रहे हैं। अब जबकि प्रधानमंत्री का भोपाल दौरा हो गया प्रशिक्षण शिविर आयोजित हो चुका ऐसी में उम्मीद की जा रही है कि अब जल्द ही न केवल प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी बल्कि निगम मंडल के साथ ही नगर निगम नगर पालिका और नगर परिषद में एल्डरमैन की नियुक्तियां। ऐसे में नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक्टिव होना लाजमी है।
कांग्रेस में जिला और नगर अध्यक्ष का चयन संगठन सृजन अभियान के जरिए
इधर दूसरी तरफ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी नगर और जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए आतुर नजर आ रहे हैं। हालांकि कांग्रेस की इस प्रक्रिया को पूरी होने में अभी समय लग सकता है। अभी तो केंद्रीय पर्यवेक्षकों की की दौरे प्रदेश भर में चल रहे हैं फिर वे अपनी रिपोर्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सम्मुख पेश करेंगे और उसके बाद ही कुछ निर्णय संभव हो पाएगा। लेकिन जिस तरह से राहुल गांधी ने अभियान की शुरुआत में संकेत दिए हैं कि अब जमीनी और एक्टिव लोगों को ही मौका दिया जाएगा। साथी जिला और नगर अध्यक्ष को अब पहले से ज्यादा शक्तिशाली बनाया जाएगा और वे सीधे हाई कमान के संपर्क में रहेंगे। कांग्रेस ने अभियान की जो रूपरेखा और रणनीति तैयार की है उसे उम्मीद की जा रही है कि यदि यह प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो गई तो न केवल संगठन मजबूत होगा बल्कि गुटबाजी पर भी अंकुश लगेगा।