हादसा: पांच बच्चों ने खोया सहारा, एक साथ उजड़ गया देवरानी-जेठानी का सिंदूर

यूपी के शाहजहांपुर जिले के बमरोली गांव में गुरुवार की सुबह साढ़े पांच बजे करंट से दो भाइयों की मौत के बाद एक साथ देवरानी और जेठानी के मांग का सिंदूर उजड़ गया। धर्मवीर की मौत की खबर सुनकर उनकी पत्नी सुनीता, 14 वर्षीय बेटा हिमांशु और 10 वर्षीय बेटी नंदनी का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं सत्यवीर की मौत पर पत्नी प्रीती, 8 वर्षीय बेटी संध्या, 6 वर्षीय बेटी महक और 4 वर्षीय देव का हाल बेहाल है। गांव की महिलाओं ने जैसे तैसे परिजनों को संभाला।
परिजनों ने बताया कि धर्मवीर का खेत घर से लगभग पांच सौ मीटर दूर है। इसके चलते उसने घर पर झटका मशीन रखकर वहां से तार द्वारा खेत में लगी तार की बाड़ में करंट दे रखा था। गुरुवार सुबह पांच बजे मूगफली में पानी लगाने के लिए वह घर से खेत पर पहुचा था। पड़ोस में स्थित सबमर्सिबल से पानी लेने के लिए वह अपने मूंगफली के खेत तक सेक्सन पाइप बिछाने की तैयारी करने लगा। उस समय तारों में करंट दौड़ रहा था, यह बात धर्मवीर भूल गया था। इसके चलते वह मेड़ पर लगे तारों में दौड़ रहे करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही गिरकर बेहोश हो गया।
कुछ देर बाद लगभग 6 बजे धर्मवीर के सगे छोटे भाई 30 वर्षीय सत्यवीर भी खेत पर पहुंच गया। बड़े भाई को पड़ा देख सत्यवीर हड़बड़ा गया। उसे उठाने का प्रयास किया, जिसपर वह भी करंट की चपेट में आकर भाई के पास में ही गिरकर बेहोश हो गया। घटनास्थल से कुछ दूरी पर सबमर्सिबल से अपनी मूगफली में पानी लगा रहे गांव के मोती की नजर जब जमीन पर पड़े दोनों भाइयों पर गयी तो वह भागकर मौके पर पहुंचा। तारों में करंट दौड़ने की जानकारी होने पर उसने तुंरत गांव के संदीप को फोन कर हादसे की जानकारी दी।
इसपर संदीप भागकर धर्मवीर के घर पहुचा और झटका मशीन को बंद किया। धर्मवीर के परिजनों को दोनों भाइयों को करंट लग जाने की जानकारी दी। इस पर संदीप और धर्मवीर के परिजन भागते हुए घटनास्थल की ओर पहुचे। उसके पीछे पीछे बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पहुंच गए। आननफानन में दोनों भाइयों को प्राइवेट गाड़ी से शाहजहांपुर के मेडिकल कालेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। गांव के प्रधान ने बताया कि परिवार आर्थिक रूप से सामान्य है और अब बच्चों की पढ़ाई व महिलाओं के जीवनयापन की चिंता सबको सता रही है। गांव के कुछ युवकों ने प्रशासन से मांग की है कि परिवार को राहत दी जाए।
सत्यवीर हरियाणा से लौटे थे, 15 दिन बाद मौत ने दबोचा
कांट। बमरौली गांव में करंट हादसे में जान गंवाने वाले सत्यवीर सिंह 15 दिन पहले ही हरियाणा से घर लौटा था। उसके चाचा जितेंद्र सिंह ने बताया कि सत्यवीर हरियाणा में अपने छोटे भाई करनवीर के साथ रहता था। वहां एसी-कूलर रिपेयरिंग का काम करते थे। दोनों भाइयों ने मेहनत से काम कर परिवार के लिए अच्छा जीवन बनाने की ठानी थी। खेती की जिम्मेदारी सबसे बड़े भाई धर्मवीर संभालता था, जो इस हादसे में सत्यवीर के साथ मौत के मुंह में समा गया। हरियाणा में रह रहे करनवीर को हादसे की सूचना दे दी गई है। वह वहां से घर के लिए रवाना हो चुका है।
उम्रभर पिता की याद में तड़पेंगे बच्चे
धर्मबीर और सत्यवीर की असमय मौत ने उनके मासूम बच्चों को अनाथ कर दिया है। धर्मबीर के बेटे हिमांशु और बेटी नंदनी अभी ठीक से समझ भी नहीं पाए थे कि पिता क्या होते हैं, वहीं सत्यवीर की बेटियां संध्या और महक, और बेटा देव अब उम्रभर पिता की याद में तड़पेंगे। गांव के लोग बताते हैं कि धर्मबीर अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर अफसर बनाना चाहते थे। सत्यवीर भी बेटियों के भविष्य को लेकर हमेशा फिक्रमंद रहते थे। धर्मबीर की पत्नी ने बिलखते हुए कहा कि अब बच्चों को कौन सहारा देगा वहीं सत्यवीर की पत्नी बेसुध हैं।
पति के शव देखते ही बेसुध हुईं जेठानी-देवरानी, गांव में पसरा मातम
गुरुवार की देर रात जैसे ही धर्मवीर और सत्यवीर के शव घर पहुंचे, पूरे गांव में मातम छा गया। दोनों की पत्नियां शव देखते ही जोर-जोर से चीखने लगीं और अचानक गश खाकर जमीन पर गिर पड़ीं। घर की महिलाओं ने किसी तरह उन्हें संभाला, लेकिन वे बार-बार होश खोती रहीं। वहीं पांच मासूम बच्चे अपने पिता की लाश के पास बिलख-बिलख कर रोते रहे। धर्मबीर की मां छोटी विटिया की भी हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी। वह बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। परिजन उन्हें सहारा देकर संभालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दुख का सैलाब इतना बड़ा था कि कोई भी खुद को रोक नहीं पा रहा था। मौके पर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। रिश्तेदार, पड़ोसी और गांव के बुजुर्ग सभी स्तब्ध थे।
बच्चे लगातार मां से पिता को कर रहे वापस लाने की जिद
धर्मवीर के तीन छोटे बच्चे हैं, जो लगातार मां से अपने पिता को वापस लाने की जिद कर रहे थे। वहीं सत्यवीर के दो बच्चे हैं, जिनकी आंखों में सिर्फ डर और आंसू हैं। परिवार की कमान संभालने वाले दोनों भाई एक ही दिन इस तरह चले जाएंगे, किसी ने सोचा भी नहीं था।
बिजली निगम जलालाबाद के एक्सईएन मुदित सोनकर ने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि झटका मशीन का उपयोग न करें। यह घातक है। कई किसान खेत की रखवाली के लिए घर से ही मशीन चला देते हैं, बिना यह देखे कि खेत पर कोई व्यक्ति या पशु मौजूद है या नहीं। इससे जानलेवा हादसे हो सकते हैं और कई बार लावारिस पशुओं की मौत भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि कुछ लोग झटका मशीन के साथ बिजली की सप्लाई से भी करंट दौड़ाते हैं, जो बेहद खतरनाक और गैरकानूनी है। ऐसे मामलों में यदि किसी की जान जाती है तो बिजली निगम कार्रवाई करेगा।
हे भगवान, मेरे पति को लौटा दो… सुनीता का करुण विलाप सुनकर कांप उठे गांव वाले
हे भगवान, हमारे पति ने किसी का क्या बिगाड़ा था? कभी किसी का बुरा नहीं किया… हमारे बच्चे अनाथ हो गए… अब हम किसके सहारे जिएंगे। यह करुण पुकार थी बमरौली गांव के धर्मबीर सिंह की पत्नी सुनीता की, जो खेत में झटका मशीन के करंट से पति की मौत की खबर सुनते ही बेसुध हो गईं।
सुनीता की हालत ऐसी थी जैसे दुनिया उजड़ गई हो। वह बार-बार जमीन पर गिर रही थीं, चीख-चीख कर भगवान से अपने पति को वापस करने की गुहार लगा रही थीं। गांव की महिलाएं उन्हें पकड़कर संभालने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उनका दुख असहनीय था। सुनीता ने बताया कि सुबह धर्मबीर मूंगफली की फसल में पानी लगाने गए थे। जाते-जाते बोले थे, पानी लगाकर लौटता हूं, नाश्ता साथ करेंगे। सुनीता ने कभी नहीं सोचा था कि यह आखिरी बातचीत होगी। उसकी मांग उजड़ गई, घर का सहारा छिन गया।
मेरे बुढ़ापे के दो सहारे छिन गए… बुजुर्ग मां छोटी विटिया की टूटी दुनिया
बमरौली गांव में करंट हादसे में दो बेटों की मौत ने 75 वर्षीय बुजुर्ग मां छोटी विटिया को भीतर तक तोड़ दिया है। पति विश्वनाथ की मौत पहले ही हो चुकी थी, ऐसे में उनके जीवन का एकमात्र संबल थे बेटे धर्मबीर और सत्यवीर। गुरुवार की सुबह जब एक साथ दोनों बेटों की लाशें उनके आंगन में पहुंचीं, तो छोटी विटिया पूरी तरह गुमसुम हो गईं। आंखों से आंसू सूख चुके हैं, पर होठों पर बस एक ही वाक्य बार-बार निकल रहा था… मेरे बुढ़ापे के दो सहारे छिन गए…। घर की महिलाएं उन्हें संभालने की कोशिश करती रहीं, लेकिन वह लगातार दोनों बेटों की तस्वीरों को देखती रहीं और जमीन पर बैठी रहीं। बेटे अब नहीं रहे, यह यथार्थ वह स्वीकार ही नहीं कर पा रही थीं।







