जबलपुर

हो चुका समन्वय, अब होगी लाउड स्पीकर्स पर कार्रवाई

धार्मिक स्थलों में लाउड स्पीकर के प्रयोग पर बैन का आदेश

JABALPUR. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शपथ लेने के बाद पहला फैसला धार्मिक स्थलों पर बजने वाले निर्धारित मापदंड से ज्यादा ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर बैन लगाने का था। इस बाबत पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने निषेधात्मक फैसला दे दिया था। नई सरकार के पहले आदेश के परिपालन में हर शहर में धार्मिक स्थलों की समितियों और धर्मगुरुओं के साथ समन्वय स्थापित किया गया। जबलपुर में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। समन्वय के दौर के बाद अब प्रशासन ने कार्रवाई की मुनादी पिटवा दी है।

प्रशासन की टीमें करेंगी निगरानी
इस काम के लिए प्रशासनिक अमले की टीमें मैदान में उतरकर ध्वनि मापक यंत्रों के साथ लाउड स्पीकर्स से ध्वनि की तीव्रता मापेंगे। जिसके बाद उक्त धर्मस्थल से ध्वनि विस्तारक यंत्रों को जब्त करने के साथ-साथ अन्य कार्रवाई भी की जाएगी।

55 डेसीबल की है सीमा, जानिए यह होता है 1 डेसीबल
बता दें कि 1 डेसीबल का मतलब ऐसी आवाज से होता है जिसका दायरा 435.55 वर्ग फीट हो। आवासीय क्षेत्र में ध्वनि की निर्धारित सीमा 55 डेसीबल की है। यानि ऐसी आवाज जो कि 23 हजार 955 वर्गफीट तक सुनाई दे। यदि ध्वनि की तीव्रता इस मानक से ज्यादा पाई गई तो ऐसे धर्मस्थल पर कार्रवाई की जाएगी।
80 डेसीबल से ज्यादा तेज आवाज से खतरा
दरअसल विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 80 डेसीबल से तेज आवाज लोगों को बहरा बना सकती है। वहीं ऐसी तेज आवाज लोगों की नींद में भी खलल डालती है। जिससे लोग चिड़चिड़े और अवसादग्रस्त हो सकते हैं।

435.55 वर्ग फीट

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