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JABALPUR NEWS:- ब्रेन डैड मरीज का अंगदान: 2 घंटे में निकाला लिवर,9 घंटे में प्रत्यारोपित

 

लिवर के साथ नेत्रदान भी किया, दिव्यांग दृष्टिबाधित देख सकेगा दुनिया
जबलपुर, यशभारत। मेट्रो प्राइम बड़ेरिया हॉस्पिटल में पहली बार ब्रेन डैड मरीज का लिवर दान किया गया। इस पुनीत कार्य में मेट्रो हॉस्टिपल के स्टाफ सहित भोपाल बंसल अस्पताल के डॉक्टरों ने अहम काम किया। मेट्रो अस्पताल में दो घंटे चले ऑपरेशन के बाद लिवर निकाला गया जबकि भोपाल के बंसल अस्पताल में 9 घंटे चले ऑपरेशन के बाद लिवर प्रत्यारोपित किया गया। खास बात यह है कि ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की सहमति से नेत्रदान भी किया गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पवन स्थापक और दो अन्य डॉक्टरों ने मेट्रो अस्पताल में नेत्र का ऑपरेशन किया। ब्रेन डैड मरीज की आंखों से अब दिव्यांग दृष्टि बाधित दुनिया देख सकेगा। इस लिवर रिट्रिवल में मेट्रो हॉस्पिटल के डॉक्टर शैलेन्द्र सिंग राजपूत, राजेश पटेल , हर्ष सक्सेना और सुनील जैन, डॉक्टर अभिषेक दुबे की भूमिका सराहनीय रही। लिवर रिट्रिवल के सफलता के लिए बड़ेरिया मेट्रो प्राइम हॉस्टिपल के डायरेक्टर राजीव बड़ेरिया और सौरभ बड़ेरिया ने टीम को बधाई दी।

 

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350 किलोमीटर का सफर 3 घंटे 25 मिनिट में पूरा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बंसल हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांटेशन के लिए लिवर करीब रात 2 बजे पहुंचा। बता दे की गुरुवार की दोपहर 2 बजे से लिवर को जबलपुर के मेट्रो हॉस्पिटल से लाने की कवायद शुरू की थी और ब्रेन डेट पेशेंट के शरीर से निकालने के बाद करीब रात 2 बजे बंसल हॉस्पिटल पहुंचा जहां पर पेशेंट दिलीप कुमार तिवारी के शरीर में ट्रांसप्लांट प्रक्रिया की गई। जबलपुर से राजधानी भोपाल करीब 350 किलोमीटर की दूरी 3 घंटे 25 मिनट में तय की गई है। रात10.30 बजे जबलपुर से लिवर ट्रांसप्लांटेशन के लिए वाहन से निकले थे रात करीब रात 2 बजे बंसल हॉस्पिटल लिवर पहुंचा है। जिसके बाद डॉक्टर गुरु सागर सिहोता ने ऑपरेशन का काम शुरू किया जो शुक्रवार दोपहर 12 बजे प्रत्यारोपित किया गया। वही पेशेंट के परिजनों ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का भी आभार व्यक्त किया है।

अंगदान के लिए पूरे परिवार ने खुलेमन से सहमति दी
मरीज के परिजन पीयूष सराफ उम्र 40 वर्ष पेपर व्यवसायी ने बताया कि मरीज के छोटे भाई से चर्चा करके इस काम में पूरा सहयोग करने की सहमति दी इसको उपरांत तुरंत सारी औपचारिकताएं पूरी की गई जिसमें अंगदान के लिए बनी स्टेट कमिटी इंदौर को सूचित किया गया एक मरीज जो कि भोपाल में था और जिसको लीवर की सख्त आवश्यकता थी जिसकी बीमारी काफी हद तक बढ़ चुकी थी. दोनों का ब्लड ग्रुप समान पाए जाने पर भोपाल के बंसल अस्पताल द्वारा एवं मरीज के परिजनों द्वारा सहमति देने पर यह निर्धारित किया गया कि जबलपुर से ग्रीन कारीडोर बनाकर लीवर को ले जाने की तैयारी थी परंतु तकनीकी कारणों से ग्रीन कॉरिडोर से न जाकर लिवर को सड़क मार्ग से ले जाया गया।

64 वर्षीय मरीज को किया था ब्रेनडेड घोषित
जबलपुर के मेट्रो हॉस्पिटल में 64 वर्षीय मरीज को 20 सितंबर को ब्रेनडेड घोषित किया गया था। उनके परिजन ने ऑर्गन डोनेट करने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद दो ़ घंटे में सर्जरी कर लिवर निकाला गया। जो भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया। पीयूष सराफ ने बताया कि उनके मामा राजीव सराफ को इसी साल 27 मार्च में ब्रेन ट्यूमर डिटेक्ट हुआ था। नागपुर के हॉस्पिटल में 29 मार्च को सर्जरी हुई थी। इसके बाद वह रिकवर हो गए थे। 19 सितंबर को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ। इसके बाद इलाज के लिए मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। लेकिन, वह रिकवर नहीं हुए। बल्कि ब्रेन डेड हो गए। इसके चलते परिजनों ने मामाजी के आर्गन डोनेट करने का फैसला किया। ताकि उनके आर्गन से दूसरे व्यक्ति को जिंदगी मिल सके। राजीव सराफ मूल रूप से बैतूल के रहने वाले थे।

बे्रन डैड मरीज के परिजनों की सहमति से लिवर का दान किया गया, इस काम के लिए परिजनों का अस्पताल प्रबंधन आभारी है। भोपाल बंसल अस्पताल में लिवर प्रत्यारोपित कर दिया गया है।
डॉक्टर राजेश पटेल, मेट्रो अस्पताल जबलपुर

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