बिजली विभाग का कारनामा :रिटायरमेंट की कगार पर पहुंचे अधिकारी को 10 साल चलने वाले प्रोजेक्ट में भेजा जा रहा विदेश
• 25 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है
जेब यश भारत | अपने सीक्रेट और कार्यवाहियों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले जेबी बिजली विभाग का अब एक नया कारनामा सामने आया है जहां 25000 करोड़ के प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को विदेशी दौरे पर नामांकित किया गया है, जबकी यह 10 साल का प्रोजेक्ट है बाद में कहा गया कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है |
जानकारी के अनुसार बिजली विभाग ने जर्मनी और स्पेन के लिए एक महीने के लिए डीआरएसएस प्रोजेक्ट से संबंधित विदेशी दौरे के लिए आवेदन दिया।
10 साल तक का अगला प्रोजेक्ट
बिजली विभाग के माने तो यह प्रोजेक्ट आगामी 10 साल तक कुल लागत 25 हजार करोड़ निर्धारित जा रही है| इसके लिए बिजली विद्युत वितरण कंपनी के एक अधिकारी ने जर्मनी और स्पेन के लिए प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट से संबंधित प्रोजेक्ट को कितने बेहतर तरीके से बनाया जाए उसके लिए शासन की ओर से नाम मांगा गया था| अब विशेषज्ञों की बात यह है कि पूर्व क्षेत्र से ऐसे अधिकारी का नाम नामांकित किया गया है जिसके इंजीनियर के पास ही पद नहीं है, केवल एक माह का ही समय शेष है | उक्त नामांकित अधिकारी का पदनाम नवंबर माह में होगा अब ऐसे अधिकारी को विदेशी दौरे पर डीपीआर की बात समझ से परे हैं|
प्रोजेक्ट का हिस्सा ही नहीं अधिकारी
करेला ने यह भी कहा था कि यह कहावत बार-बार बंद रहेगी लेकिन बिजली विभाग पर यह कहावत चरितार्थ हो रही है जिसमें कहा गया है कि अधिकारी जिस परियोजना पर विदेश भेज रहे हैं वह वास्तव में परियोजना का हिस्सा नहीं है वह विदेश विभाग के अधिकारी को झाला कर रही है. पूरी तैयारी है|
दूसरा कहा….
विदेशी दौरे को लेकर ऑर्डर जारी किए गए हैं, इनमें से एक अधिकारी की घोषणा हाल ही में हुई है, लेकिन उनके जाने के बाद उनके सहयोगी कर्मचारी इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएंगे|
सरोज कुमार जीएम, एल.ए