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बड़ी खबर: पीएसएम-डाइट में अब प्राइवेट छात्र भी कर सकेंगे कोर्स

राज्य शिक्षा केंद्र ने खत्म किया बंधन, अभी सिर्फ शिक्षक ही कर पा रहे थे कोर्स

जबलपुर, यशभारत। उन विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है जो प्राइवेट कॉलेजों से बीएड-डीएड कोर्स करने पर भारी भरकम फीस अदा करते थे। दरअसल अब राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी संस्थानों में बंधन समाप्त कराते हुए कहा कि अब इन संस्थानों से शिक्षकों के अलावा बाहरी छात्र भी कोर्स कर सकेंगे।

शिक्षकों के अलावा अब स्टूडेंट्स भी बीएड और डीएड कर सकेंगे। टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से शिक्षकों के अलावा प्राइवेट तौर पर स्टूडेंट्स भी बीएड डीएड और बीएड और डीएड कर सकेंगे. राज्य शिक्षा केंद्र ने इस संबंध में नया आदेश जारी किया है। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में अब नए छात्रों को भी एडमिशन मिल सकेगा। साल 2008 से इन संस्थानों की सभी सीटें प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विभिन्न कैडर के टीचर्स के लिए रिजर्व थी. अब इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है. इन संस्थानों में संचालित सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इस साल से विभागीय और गैर विभागीय अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध सीटों में बंटवारा किया गया है.

विभागीय और गैर विभागीय अभ्यर्थियों के लिए सीटों का आवंटन
राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने आदेश में बताया कि शासकीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में डी.एल.एड में विभागीय अभ्यर्थियों के लिए 180 और गैर विभागीय अभ्यर्थियों के लिए 3420 सीटों का आवंटन किया गया है. शासकीय प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान भोपाल और जबलपुर में बी.एड. के लिए 182 और 183. शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय देवास, खंडवा, छतरपुर, रीवा, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर में बी.एड. के लिए 510 . शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय खंडवा, छतरपुर, रीवा उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर में एम.एड. के लिए 120, शासकीय प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान भोपाल एवं जबलपुर में 50 सीटों का विभागीय अभ्यर्थियों और गैर विभागीय अभ्यर्थियों के बीच आवंटन किया गया है।

 

इनका कहना है
स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में अब नवीन छात्रों को भी प्रवेश मिल सकेगा। मध्यप्रदेश में अनेक वर्षों के बाद शासकीय संस्थाओं में संचालित बी.एड., डी.एड., डी एल.एड. जैसे शैक्षिक कोर्स में गैर शासकीय या नए विद्यार्थियों को प्रवेश मिल सकेगा।
आरके स्वर्णकार, प्राचार्य पीएसएम कॉलेज जबलपुर

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