जबलपुर की लाड़ली का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज : सुरभि ने 6 घंटे 17 मिनिट में श्रीमद्भागवत गीता का अर्थ सहित व्याख्या की
जबलपुर, यशभारत। संस्कारधानी जबलपुर की सुरभि मुले ने एक बार फिर प्रदेश और देश का नाम रौशन किया है। सुरभि श्रीमद्भागवत गीता का अर्थ सहित व्याख्या करने का कीर्तिमान स्थापित कर अपना नाम एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करा लिया है इसके पहले सुरभि ने अपना नाम इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया था। जीवन का सार कही जाने वाली श्रीमद्भागवत गीता को सुरभि ने महज 6 घण्टे 17 मिनिट में अर्थ समेत व्याख्या कर दी। 17 जून को सुरभि ने श्रीमदभागवत गीता का पाठ अर्थ सहित सुनाना शुरू किया था जिसे 6 घंटे 17 मिनिट में पूरा कर दिया था। सुरभि की लगन और गीता का अर्थ सहित कंठस्थ पाठ देकर निर्णायक भी हैरान थे। सुरभि मुले ने श्रीमदभगवत गीता का निरंतर अर्थ सहित पाठ करके इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर लिया था इसके बाद सुरभि ने एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में आवेदन किया और यहां भी अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया।
कक्षा दसवीं की छात्रा है सुरभि
सुरभि मुले दसवीं कक्षा की छात्रा हैं और आठ साल की उम्र से अपनी दादी विजया मुले से भगवत गीता को अर्थ सहित पढ़ना सीख रही हैं। सुरभि गीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोकों को निरंतर सुना सकती है। वो भी प्रत्येक श्लोक के अर्थ के साथ। सुरभि की सफलता के बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर है सुरभि कहती हैं कि उनकी इस सफलता का श्रेय उनकी दादी और उनके पिता को जाता है अब उनकी इच्छा है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीमद्भागवत गीता को ले जाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित करें। साथ अंग्रेजी में गीता की व्याख्यान करें। सुरभि का मानना है कि श्रीमद्भागवत गीता में जीवन का पूरा सार कहा गया है उसे पूरे विश्व को बताने की जरुरत है ऐसे में श्रीमद्भगवद्गीता का अंग्रेजी में अनुवाद कर उसे पुरे विश्व के सामने रखना चाहती है