जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

स्मार्ट रोड का दिखाया सब्जबाग, बना दी कस्बाई सड़कें, चार वर्ष बाद भी अधूरी पड़ी

जबलपुर, । शहर को महानगर की तर्ज पर स्मार्ट बनाने जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा कराए जा रहे विकास और निर्माण कार्य पिछले चार वर्ष बाद भी अधूरे हैं। बिना कार्ययोजना के ठेकेदारों के भरोसे कराए जा रहे निर्माण कार्य पहले बनाओ फिर खोदो और फिर बनाओ की तर्ज पर किए जा रहे हैं। इसके कारण अधिकांश कार्य जहां समय-सीमा पूरी होने के बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पा रहे हैं। वहीं नागरिक भी अनियोजित व बेढंगे कार्यों से परेशान हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी द्वारा कराए गए जो कार्य पूरे हो चुके हैं, उससे भी स्मार्टनेस नजर नहीं आ रही है। शहर में 249 करोड़ रुपये से बनाई जा रही स्मार्ट रोड की बात करें तो ये भी अनियोजित और बेढंगे कार्य की भेंट चढ़ गई। 10 स्मार्ट रोड में अभी तक बमुश्किल चार रोड ही बन पाई है। वहीं बाकी रोड का निर्माण या तो अधूरा है या अब तक शुरू ही नहीं किया गया है। स्मार्ट सिटी के इन बेढंगे कार्यों के चलते जहां-तहां की सड़कें खुदी पड़ी है, वहीं धूल के गुबार लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं। ऐसे में गड्ढे भरी सड़कें और खुदी पड़ी सड़कों के अलावा धूल, मलबे के ढेर से बारिश में राहगीर और वाहन चालकों की फजीहत होना तय है।

खोखले निकले स्मार्ट सिटी के दावे-

करोड़ों के इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले स्मार्ट सिटी ने तो शहर के नागरिकों को स्मार्ट रोड का ऐसा सब्जबाग दिखाया था कि जो स्मार्ट रोड बनेगी वे 80 फीट तक चौड़ी होगी। भूमिगत नालियां और सेंट्रल लाइटिंग होगी। स्मार्ट रोड में दोनों तरफ पैदल चलने के लिए फुटपाथ व टहलने, बैठने के लिए पाथवे होंगे। रोड के दोनों तरफ हरियाली होगी जो स्मार्ट रोड की अनुभूति कराएगी। लेकिन अब तक जो स्मार्ट रोड बन कर तैयार हो चुकी है वह स्मार्ट रोड कम कस्बाई रोड ज्यादा नजर आ रही है। स्मार्ट सिटी के कार्यालय मानस भवन के समीप करीब 10 करोड़ रुपये खर्च कर बनाई गई शहर की पहली स्मार्ट रोड के हाल ये है कि फुटपाथों पर कब्जे हो गए हैं, वहीं हरियाली पूरी तरह से नदारत है। इसके अलावा शहर में बनाई जा रही नौ स्मार्ट रोड से जो चार रोड बनकर तैयार हो चुकी है। वे भी स्मार्ट रोड के मानकों को पूरा नहीं कर रहीं। बाकी शेष रोड निर्माण कार्य की रफ्तार भी बेहद सुस्त है।

जनता हो रही परेशान-

ब्लूम चौक से मदनमहल, गोलबाजार मुख्य मार्ग सहित इससे जुड़ी नौ लिंक, घमापुर -रांझी तक तक बनाई जा रही स्मार्ट रोड की सुस्त चाल के चलते वाहन चालकों का आना-जाना मुहाल हो गया है। सड़क में पहले से ही गड्ढे थे, स्मार्ट रोड के नाम पर अब पूरी सड़क ही तहस-नहस कर दी गई है। सीवर लाइन, भूमिगत नाली निर्माण, बिजली लाइन बिछाने के लिए पूरी सड़क खोद दी गई है। मलबा, मिट्टी, ईंट, गिट्टी बिखरा पड़ा है। निर्माण कार्यो के कारण ट्रक, डंपर, जैसे वाहनों की आवाजाही होने से पूरी सड़क में धूल उड़ रही है। इस मार्ग से आने-जाने वाले धूल धूसरित तो ही रहे हैं आंखों में जलन और गले में खरास के साथ ही धूल के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है। बिना मास्क के लोग इस मार्ग से गुजर नहीं सकते। अभी लोग धूल से परेशान है यदि जल्द ही रोड निर्माण कार्य जल्द पूरा नहीं कराया गया तो राहगीरों को बारिश में कीचड़ से भी जूझना पड़ेगा।

स्मार्ट रोड निर्माण के कामों पर एक नजर-

स्मार्ट रोड की सुस्त चाल

राइटटाउन

– 80.47 करोड़ रुपये की लागत से तीन पत्ती से लेकर गौमाता चौक व आस-पास की रोड बनाई जा रही

– अधूरा पड़ा काम

– मार्च 2022 तक थी समय सीमा

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गोलबाजार

– 44.89 करोड़ रुपये की लागत से मुख्य मार्ग सहित नौ लिंक रोड बनाई जा रही

कुछ मीटर की सीमेंट रोड ही बनी बाकी सड़कें खोदी गई है

– जून 2023 तक पूरा करना है काम

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अधारताल-महाराजपुर

– 24 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही स्मार्ट रोड

– रोड निर्माण कार्य जारी काम की रफ्तार धीमी है

– दिसंबर 2022 तक पूरा करने का किया जा रहा दावा


आइटी पार्क रोड

-24 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही

– अभी तक बिजली के पोल ही हटाए जा रहे हैं

– दिसंबर 2022 तक पूरा करने का किया जा रहा है दावा

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ये रोड बन चुकी पर स्मार्ट रोड की अनूभूति नहीं

मानस भवन से होमसाइंस कालेज रोड

– 10 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार

– फुटपाथ पर हो गए कब्जे, हरियाली भी नदारद

– पहली स्मार्ट रोड जो बन गई कस्बाई

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घमापुर- रांझी

– 27.80 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई स्मार्ट रोड

– 9 किमी लंबी 80 फीट चौड़ी बनाई जानी थी कई जगह 60 फीट में सिमटी

– 300 मीटर रोड निर्माण अब भी बाकी

गोहलपुर से अमखेरा बाइपास

-12 करोड़ रुपये की लागत सेसड़क निर्माण हो चुका है।

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एमआर फोर विजय नगर

– 11.77 करोड़ रुये से अंधमूक बाइपास तक रोड बन चुकी कुछ जगह भूमिगत कार्य जारी

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चार वर्ष बाद भी शुरू नहीं हुआ रोड निर्माण कार्य

शास्त्री ब्रिज से मदनमहल तक

– 900 मीटर लंबी बनाई जानी है शास्त्री ब्रिज से मदनमहल तक

– 6 करोड़ 30 लाख रुपये किए जा रहे खर्च

– 31 मार्च 2022 तक करना था काम पूरा अब तक रोड का निर्माण शुरू नहीं हुआ

ये स्मार्ट रोड चार वर्ष बाद भी शुरू नहीं हुआ काम

– घंटाघर से कलेक्ट्रेट तक

– 30.31 करोड़ रुपये से बनना प्रस्तावित

– अभी तक रोड निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।

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