जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

नौ करोड़ से बदल रहे रानीताल तालाब की सूरत, पांच माह बाद भी हालात जस के तस

जबलपुर, । शहर के तालाबों को सहेजने नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए दावे खोखले ही रहे। 52 ताल-तलैयों के नाम से जाने वाले जबलपुर में अब बमुश्किल 33 तालाब ही शेष रह गए हैं। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते तालाबों का का संरक्षण, संर्वधन ठीक से नहीं किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के नाम पर स्मार्ट सिटी ने शहर के एक मात्र गुलौआ ताल को सात करोड़ पांच लाख रुपये खर्च कर पर्यटन के रूप में विकसित किया है। ऐतिहासिक संग्राम सागर तालाब को संवारने के नाम पर स्मार्ट सिटी एक करोड़ रुपये खर्च किए थे। लेकिन तालाब का अधूरा विकास ही हो पाया। वहीं अब स्मार्ट सिटी द्वारा रानीताल तालाब को सहेजने की कवायद की जा रही है। लेकिन शहर में चल रहे अन्य प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट सिटी इस प्रोजेक्ट की रफ्तार भी बेहद सुस्त है। करीब नौ करोड़ रुपये से तालाब के कुछ हिस्से को पर्यटन के रूप में विकसित करने का काम पिछले पांच माह से किया जा रहा है। लेकिन हालात अब भी जस के तस ही है। तालाब गंदगी, चोई से अटा पड़ा है। बीते पांच माह में स्मार्ट सिटी द्वारा एक हिस्से में सिर्फ सेंट्रल लाइटिंग की गई है पहुंच मार्ग बनाया जा रहा है। वे भी अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

बारिश सिर पर अब तक सफाई कार्य शुरू नहीं –

 

करीब 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला तालाब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा था। आस-पास किए गए अवैध कब्जों से तालाब अतिक्रमण की चपेट में है। आस-पास की बस्तियों का सीवेज तालाब को गंदा कर रहा है। पूरे तालाब में चोई उग आई है। अभी तक इसे साफ करने का काम शुरू नहीं किया जा रहा है। जबकि बारिश सिर पर है। स्मार्ट सिटी द्वारा नौ करोड़ सात लाख रुपये से सिर्फ तालाब के एक छोटे से हिस्से को ही संवार जा रहा है। जानकारों की मानें तो रानीताल तालाब को संवारने यदि नौ करोड़ रुपये ईमानदारी से खर्च किए जाए तो ये भी शहर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है वहीं क्षेत्र का जलस्तर भी बढ़ सकता है।

आक्सीजन कम मर रही मछलियां

तालाब में व्याप्त गंदगी और लगातार मिल रहे गंदे पानी के चलते तालाब का आक्सीजन लेबल भी काफी कम हो गया है। तालाब का पानी काला और बदबूदार हो चुका है। बस्तियों का सीवेज और आसपास के उद्योग और दूसरा कचरा भी तालाब के आसपास ही फेंका जा रहा है। प्रदूषण के कारण मछलियां और जलीय जीव-जंतु मर रहे हैं। 13 मई 2022 को भी तालाब के एक हिस्से में बड़ी संख्या में मरी मछलियां पाई गई थी।

स्मार्ट सिटी से ये काम हो रहे

– 9 करोड़ 7 लाख रुपये से रानीताल तालाब के एक हिस्से का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है।

– तालाब के चारों ओर पाथ-वे व नालों का निर्माण किया जा रहा है।

– कुछ हिस्से में सेंट्रल लाइटिंग लगाई जा चुकी है, पहुंच मार्ग का निर्माण का कार्य मंथर गति से चल रहा है।

– सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की बात भी कही जा रही है ताकि आसपास का गंदा पानी तालाब में न जा सके।

इन प्रमुख तालाबों की हालात भी दयनीय

– देवताल- चारों तरफ मंदिर बने अतिक्रमण मुक्त हो चुका है

– हनुमान ताल- आस-पास गंदगी रहती है

– गोकुलपुर तालाब- आधा तालाब अतिक्रमण गंदगी का शिकार हो चुका है

– महानद्दा – तालाब गंदा हो चुका है

– गंगा सागर – यह तालाब भी बद्हाली का शिकार हो रहा है।

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