माननीय मंत्री , शिक्षा विभाग , भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020 को आज केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। आज केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई। कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें इस प्रकार से समझ सकते हैं।
5 साल फंडामेंटल
- नर्सरी: 4 साल
- जूनियर केजी: 5 साल
- सीनियर केजी: 6 साल
- पहली कक्षा: 7 साल
- कक्षा 2: 8 साल
3 साल की तैयारी
- तीसरी कक्षा: 9 वर्ष
- कक्षा 4 वीं : 10 वर्ष
- कक्षा 5वीं: 11 वर्ष
3 वर्ष मध्य (मिडिल)
- छठी कक्षा: 12 वर्ष
- 7वीं कक्षा: 13 वर्ष
- कक्षा 8वीं: 14 वर्ष
4 साल माध्यमिक (सेकेंडरी)
- कक्षा 9वीं: 15 वर्ष
- एसटीडी एसएससी: 16 वर्ष
- कक्षा 11वीं (FYJC): 17 वर्ष
- एसटीडी एसवाईजेसी: 18 वर्ष
खास बातें :
- 10वीं बोर्ड हुआ खत्म
- केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड
- MPhil होगा बंद
- कॉलेज की डिग्री 4 साल की
अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा। पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।
9वीं से 12वीं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा। वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी। यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है, जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं, हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे और MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे।