जबलपुरभोपालराज्य

किसान परेशान, अधिकारी बेलगाम, नेता खामोश पड़ोसी जिलों में तेजी से चल रही गेहूं की खरीद जबलपुर सुस्त

किसान परेशान, अधिकारी बेलगाम, नेता खामोश पड़ोसी जिलों में तेजी से चल रही गेहूं की खरीद जबलपुर सुस्त

किसान परेशान, अधिकारी बेलगाम, नेता खामोश पड़ोसी जिलों में तेजी से चल रही गेहूं की खरीद जबलपुर सुस्त नरसिंहपुर में 69, सिवनी में 76, छिंदवाड़ा में 48 और मंडला में 42 केंद्र पर चल रही खरीद जबलपुर यश भारत।
गेहूं उपार्जन को लेकर जिले में किसान परेशान है, वहीं अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं, और नेताओं ने तो मानो आंख में पट्टी ही बांध ली हो। उपार्जन सुरु करने की तारीख निकले एक महीने से ज्यादा का समय बीत गया है, उसके बाद भी जिले में मात्र 13 उपार्जन केंद्र ही शुरू हो पाए हैं । जिस मे मात्र 27 हजार 260 क्विंटल की खरीदी की गई है।
ऐसा नहीं है कि यह आलम पूरे प्रदेश में या संभाग में हो यह स्थिति सिर्फ जबलपुर में है । जबकि पड़ोसी जिले नरसिंहपुर में 67 केंद्रों पर खरीदी शुरू हो चुकी है और किसानों से 4 लाख 29 हजार 810 क्विंटल गेहुं खरीदा जा चुका है। वहीं मंडला जैसे कम उपार्जन वाले जिले में भी 42 केंद्र सनचलित हो रहे हैं जिनमें 1लाख 29 हाजर550 क्विंटल गेंहू की खरीदी हो चुकी है इसी तरह छिंदवाड़ा और सिवनी में भी 48 और 78 केंद्र स्थापित हो चूके हैं जहां एक -एक लाख क्विंटल की खरीदी हो चुकी है।
कागजों पर 53 केंद्र
जबलपुर में वैसे तो जिला प्रशासन द्वारा 53 उपार्जन केदो की स्थापना कर दी गई है लेकिन वास्तविकता के धरातल पर मात्र तेरा ही केंद्र शुरू हो पाए हैं जिनमें मात्र 221 किसानों से खरीदी की गई है जबकि जिले में लगभग 49000 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है वही सिवनी जिले की बात करें तो यहां 8152 किसानों से गेहूं खरीदा जा चुका है इसी तरह नरसिंहपुर में 5237 और मंडल में लगभग 2000 और छिंदवाड़ा में लगभग 1100 किसान अपना गेहूं भेज चुके हैं वहीं दूसरी तरफ सबसे बड़ा जिला जबलपुर साड़ी बना हुआ है।
मनमर्जी के आर आई सर्कल
इस बार केंद्र की स्थापना को लेकर प्रशासन द्वारा आर आई सर्कल के आधार पर केंद्रों की स्थापना करने की बात कही गई थी। लेकिन जो आर आई सर्कल बनाए गए हैं वह समझ से परे हैं। जहाँ 10-10 किलोमीटर लंबे सर्किल की स्थापना की गई है और उसमें 1 किलोमीटर के दायरे में दो से तीन केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं, जो की समझ के परे हैं। जिसको लेकर वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन की प्राथमिकता सूची और फिर उसके बाद तहसीलदारों की अनुशंसा और जे यस ओ की वसूली संदेह के घेरे में है। जिसके चलते केंद्र स्थापित ही नहीं हो पा रहे। एक तरफ जहां अधिकारी मनमर्जी का खेल कर रहे हैं वह दूसरी तरफ नेता अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने में लगे हुए हैं। उन्हे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा की खरीदी हो रही है या नहीं हो रही है । वह तो सिर्फ अधिकारियों पर अपने करीबी लोगों के यहां केंद्र खुलवाने को लेकर दबाव बनाने में लगे हुए हैं। चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हो सभी अन्धे बह

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App
Notifications Powered By Aplu