कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस साल पांचवीं व आठवीं की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। बल्कि पिछले साल की तरह वार्षिक परीक्षा के आधार पर ही मूल्यांकन होगा। राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से पहली से आठवीं तक की वार्षिक परीक्षा मार्च में आयोजित की जाएगी। अभी परीक्षा की समयसारिणी जारी नहीं की गई है। विद्यार्थियों का प्रतिभा मूल्यांकन जनवरी में एवं वार्षिक मूल्यांकन मार्च में किया जाएगा।
बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 2019 में पांचवीं व आठवीं में बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय लिया था। कुछ विषयों की परीक्षा हुई, लेकिन लाकडाउन के कारण शेष विषयों की परीक्षाएं निरस्त कर उन विषयों में बच्चों को जनरल प्रमोशन दे दिया गया था। इसके बाद पिछले साल बच्चों के घर-घर वर्कशीट भेजकर वार्षिक मूल्यांकन किया गया। बता दें कि 2009 में बोर्ड परीक्षा को खत्म किया गया था और इन कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को औसत अंक देकर पास कर दिया जाता था।
इसमें पहली से आठवीं कक्षा के सभी विषयों में 60 अंक की थ्योरी और 40 अंक के प्रोजेक्ट कार्य होंगे। इस बार भी कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों को स्कूलों से ही अभ्यास पुस्तिका दी जाएगी, जिसके अंत में वर्कशीट होगी। इसमें हिंदी, अंग्रेजी एवं गणित विषय के प्रश्न होंगे। कक्षा तीसरी से आठवीं तक के बच्चों को दी जाने वाली वर्कशीट में कौशल आधारित प्रश्न और प्रोजेक्ट वर्क होंगे।
वर्कशीट में ही प्रश्नों के उत्तर और प्रोजेक्ट वर्क लिखने के लिए स्थान रहेगा। वर्क शीट में 60 प्रतिशत लिखित एवं 40 प्रतिशत अंक प्रोजेक्ट कार्य के आधार पर दिए जाएंगे। प्रोजेक्ट वर्क में छात्रों से कोई माडल नहीं बनवाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट वर्क घर में उपलब्ध रोजमर्रा की सामग्री के आधार पर या घर के सदस्यों से पूछकर पूरे किए जा सकेंगे। यानी बच्चों को प्रोजेक्ट बनाने में दादा-दादी, माता-पिता और भाई-बहन मदद कर सकेंगे।