खाकी पर दाग धोने की कवायद : डैमेज कंट्रोल के लिए करीबियों को निशाने पर लिया एसपी ने, महकमे में खलबली, कई और नाम भी राडार पर

कटनी। विधायक के बुलावे पर एकत्रित हुए व्यापारियों की बैठक से निकले संदेश ने राजधानी में बैठे सत्ताधीशों और पीएचक्यू के अफसरों के कान खड़े कर दिए हैं। युवा व्यापारी राकेश मोटवानी पर हुए हमले के बाद आक्रोश का लावा यूं फूट पड़ेगा, इसकी कल्पना शायद कटनी के पुलिस तंत्र को नहीं रही होगी, लेकिन गुंडा तत्वों के खिलाफ तमाम व्यापारिक संगठनों के समवेत स्वर ने महकमे में खलबली मचा दी है। बैठक से लौटने के घंटे भर बाद एसपी अभिजीत रंजन एक्शन मोड पर आए और सबसे पहले उन्होंने माधवनगर टीआई अनूप सिंह को थाने से हटाकर लाइन हाजिर किया। दूसरे दिन दोपहर में खबर आई कि बस स्टैंड चौकी प्रभारी अंकित मिश्रा का जिले से बाहर तबादला कर पांढुरना भेज दिया गया और रात होते होते एनकेजे थाना प्रभारी नीरज दुबे भी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए। इन कार्यवाहियों के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप है, लेकिन जनता के आक्रोश को ठंडा करने के लिए जिनके विकेट चटकाए गए है, माधवनगर की घटना से उनमें से दो का सीधा वास्ता नहीं, पर इन्हें अपराधों के अन्वेषण में लापरवाही बरतने के नाम पर उनके थानों से विदा किया गया है।
माधवनगर बंद, 5 दिन के अल्टीमेटम और फिर व्यापारियों की बैठक में संभावित कटनी बंद के ऐलान से उबाल लेती परिस्थितियों को राहुल बिहारी की गिरफ्तारी के साथ थाना प्रभारियों पर एक्शन लेकर एसपी ने काबू में करने की कोशिश अवश्य की है, किंतु वे इस सच्चाई से वाकिफ है कि असल में कुछ पावरफुल लोगों के निशाने पर उनकी ही कुर्सी आ गई थी। पिछले कुछ समय में शहर के थानों और चौकियों में कुछ ऐसे अफसर तैनात किए गए, जिन्हें एसपी की पसंद बताया जा रहा था। महकमे में लगातार यह चर्चा थी कि कोई तिकड़ी इस समय विभाग में पावरफुल है। विधायक संदीप जायसवाल की इन पर तिरछी नजर हो चुकी थी। बैठक में इनकी ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा था कि शहर को एनपीए द्वारा चलाया जा रहा है। यह कोडवर्ड शायद पुलिस की इसी तिकड़ी के नामों के प्रारंभिक अक्षरों से मेल खा रहा है। यह तिकड़ी पुलिस विभाग के अन्य अफसरों की आंखों की भी किरकिरी बन चुकी थी। समय के साथ इन चौकी और थाना प्रभारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियों से उपजने वाले विवादों से एसपी का दामन भी दागदार होने लगा, इस वजह से अभिजीत रंजन ने सबसे पहले इन्हें ही निशाने पर लिया। एसपी जानते हैं कि अगर उन्होंने आरोपों से घिरे वर्दीधारियों को राडार पर नहीं लिया तो आजकल भोपाल की पैनी नजर उन पर है। तबादले की चर्चाएं जोर पकड़ ही चुकी है, इसलिए डैमेज कंट्रोल के प्रयास बिना देर किए तेज कर दिए गए। माधवनगर थाना प्रभारी अनूप सिंह पर सबसे पहले एक्शन हुआ। राकेश मोटवानी पर हुए हमले के मामले में उन पर लापरवाही बरतने के आरोप है और अन्य कुछ मामलों में भी उनकी भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें थाने से हटा दिया गया। इस एक्शन में कई तरह के सवाल है। क्या राकेश मोटवानी पर राहुल बिहारी गैंग द्वारा किए गए हमले के बाद माधवनगर टीआई ही सबकुछ हेंडिल कर रहे थे, या पर्दे के पीछे विभाग के बड़े अफसरों के निर्देश भी उन्हें प्राप्त हो रहे थे। इस मामले में प्रमुख आरोपी समेत अब तक पकड़े गए चार आरोपियों में क्या उनकी कोई भूमिका नहीं। घटना के बाद राहुल बिहारी पर केस रजिस्टर्ड करने में अगर देरी हुई भी तो कहीं इसके पीछे कोई प्रेशर तो काम नहीं कर रहा था ? ये तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब शायद महकमे के जवाबदार लोगों को पता होंगे। फिलहाल माधवनगर थाने का प्रभार सब इंस्पेक्टर रूपेंद्र राजपूत को सौंप दिया गया है, जबकि पुलिस लाइन में पहले से पांच निरीक्षक मौजूद हैं।
बस स्टैंड चौकी प्रभारी अंकित मिश्रा के तबादले की टाइमिंग भी हैरत में डाल देने वाली है। पुलिस महानिरीक्षक की ओर से उन्हें ऐसे समय जिले से बाहर का रास्ता दिखाया गया जब कटनी की तासीर गर्म है और लोगों के निशाने पर सीधे एसपी और उनकी चुनिंदा टीम है। अंकित मिश्रा इसी टीम का हिस्सा माने जा रहे थे। उनको लेकर बस स्टैंड क्षेत्र से शिकायतें आने लगी थी। वे पिछले 10 साल से कटनी जिले के विभिन्न थानों में पदस्थ थे। एक जनप्रतिनिधि से उनकी निकटता के किस्से भी जगजाहिर थे। अंकित मिश्रा की जगह विजयराघवगढ़ थाने में पदस्थ एसआई योगेश को चौकी का चार्ज दे दिया गया है। यही हाल एनकेजे थाना प्रभारी नीरज दुबे का है। कल रात इन्हें भी हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया। इनके स्थान पर बाकल थाना प्रभारी अनिक यादव को एनकेजे की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। एनकेजे में रेलवे लोको पायलट के सुसाइड केस में थाना प्रभारी की भूमिका पर विधायक ने सवाल खड़े किए थे। इसके पहले हाइवे पर होने वाली अवैध वसूली की शिकायतों को लेकर पुलिस लाइन में पदस्थ रहे घनश्याम निषाद को डीआईजी अतुल सिंह ने जबलपुर पुलिस लाइन अटैच कर दिया था। सूत्र बताते हैं कि एसपी अभी कुछ और अधिकारियों को इधर से उधर कर सकते हैं। सूची में कुछ और भी नाम है। कुल मिलाकर लगातार बढ़ रहे अपराधों की वजह से समूचे प्रदेश की सुर्खियों में आई कटनी पुलिस में ऊपर से नीचे तक खलबली मची हुई है।
राहुल बिहारी रिमांड पर, पूछताछ शुरू, विनय दुबई भागा
उधर इस केस के प्रमुख आरोपी राहुल बिहारी को रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी हैं।सूत्र बता रहे हैं कि राकेश मोटवानी और विनय वीरवानी का सट्टे की रकम को लेकर विवाद चल रहा था। विनय के कहने पर ही राहुल बिहारी और उसके साथियों ने राकेश पर हमला किया। बताया जा रहा है कि आरोपी विनय वीरवानी दुबई भाग गया है। राहुल और करण के पास पासपोर्ट होते तो वे भी दुबई भाग जाते। विनय के परिजन अग्रिम जमानत के लिए अधिवक्ताओं के संपर्क में हैं। पुलिस ने बताया कि राहुल बिहारी अपने पूरे नेटवर्क का संचालन भाई करण बिहारी के माध्यम से करता है। माधवनगर की कई अपराधिक वारदातों में उनका हाथ है। इस हमले में घायल जबलपुर में भर्ती राकेश मोटवानी की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। उसके भाई ने पहले ही एसपी को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।