जबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव : द्वारका और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य होंगे मुख्य आकर्षण

गोटेगांव: आगामी श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव को लेकर परमहंसी गंगा आश्रम में कार्यक्रम की भव्यता को लेकर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिसमें देश के प्रतिष्ठित संतों और गुरुओं की उपस्थिति की पुष्टि की गई।

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज और जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज उपस्थित रहेंगे। उनकी उपस्थिति महोत्सव को एक दिव्य और ऐतिहासिक आयाम प्रदान करेगी।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे दोनों शंकराचार्यों के निजी सचिव, ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद जी महाराज, ने श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में इस दिव्य आयोजन में सम्मिलित होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्वितीय केंद्र बनेगा और सभी के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव होगा।

ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला

ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद जी महाराज ने आगामी श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव के संदर्भ में आयोजित बैठक में ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।

 

उन्होंने बताया कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज न केवल एक महान संत थे, बल्कि वे भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के स्तंभ भी रहे। उनका जीवन त्याग, तपस्या और समाज कल्याण के लिए समर्पित रहा। वे द्वारका शारदा पीठ और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य के रूप में प्रतिष्ठित थे और संपूर्ण सनातन समाज को दिशा प्रदान करते रहे।

 

स्वामी स्वरूपानंद जी के प्रमुख योगदान:

1. धर्म की पुनर्स्थापना: स्वामी जी ने सनातन धर्म की प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2. आध्यात्मिक जागरण: उन्होंने समाज में धर्म और अध्यात्म के महत्व को समझाया और युवाओं को सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी।

3. गौ संरक्षण और सामाजिक सुधार: स्वामी जी ने गौ माता की रक्षा और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए कई आंदोलन चलाए।

4. गीता और वेदांत का प्रचार: उन्होंने गीता और वेदांत के मर्म को जन-जन तक पहुंचाया।

ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद जी महाराज ने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का जीवन आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका यह समाधि स्थल उनके विचारों और शिक्षाओं को जीवंत बनाए रखने का एक माध्यम होगा।

 

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे 11 दिसंबर 2024 को आयोजित इस महोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित हों और स्वामी जी के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करें। उनका आशीर्वाद हर भक्त के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा।

 

श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव की विधिवत शुरुआत: गणेश पूजन और वास्तु पूजा संपन्न

 

गोटेगांव: श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव की शुरुआत विधिवत रूप से गणेश पूजन से की गई। इस पवित्र आयोजन के प्रारंभ में भगवान गणेश, जो शुभता और विघ्नों के नाशक माने जाते हैं, का आह्वान कर पूजा-अर्चना की गई।

 

पूजा विधि के अनुसार, कार्यक्रम स्थल पर वास्तु पूजा भी संपन्न की गई। वास्तु पूजा का उद्देश्य स्थल को शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाना है। पूजा के दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया गया, और उपस्थित गुरुपरिवार व श्रद्धालुओं ने पूरे भाव से इसमें भाग लिया।

 

पूजा के मुख्य आचार्य श्री रवि शंकर द्विवेदी आचार्य श्री राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी और संतों ने बताया कि गणेश पूजन और वास्तु पूजा से न केवल आयोजन की सफलता सुनिश्चित होती है, बल्कि यह स्थल भविष्य में अध्यात्म और भक्ति का केंद्र बनेगा।

पूजा कर रहे विशेष पुजारी उमाशंकर द्विवेदी, धीरेन्द्र शर्मा,अरविंद चौबे, बालकृष्ण पांडे यजमान ब्रह्मचारी बिमलानंद जी ब्रह्मचारी धरानंद जी

आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि महोत्सव के दौरान होने वाले सभी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। श्रद्धालुओं और भक्तों में इस आयोजन को लेकर खासा उत्साह है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Notifications Powered By Aplu