![ऐसा विलेन जिसके आगे फीके थे सुपरस्टार, जिसने मौत को देखा करीब से, मोटापे ने किया करियर बर्बाद 1 गांव में न चूल्हे जले न आंसू रुके 30](https://yashbharat.co.in/wp-content/uploads/2024/11/गांव-में-न-चूल्हे-जले-न-आंसू-रुके-30.jpg)
‘कितने आदमी थे रे सांबा’, से लेकर ‘जो डर गया, समझो मर गया’ तक अपने हिट डायलॉग के लिए जाने जाने वाले अमजद खान (Amjad Khan) की आज बर्थ एनिवर्सरी है। उन्होंने विलेन के रोल निभा ऐसा कोहराम मचाया कि हीरो के रोल को खा गए। शोले फिल्म को अगर याद किया जाता है तो वो गब्बर के रोल से किया जाता है। आज बेशक एक्टर हमारे बीच में नहीं हों लेकिन उनके हिट डायलॉग बच्चे-बच्चे की जुबान पर छाए रहते हैं। वहीं वो अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से भी चर्चा में रहे हैं। आइए आज अमजद की बर्थ एनिवर्सरी के दिन उन्हें एक बार फिर से याद कर लेते हैं।
इस फिल्म से पाया फेम
अमजद खान ने अपने एक्टिंग करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्म की है। उन्होंने विलेन बन ऐसा कोहराम मचाया कि मोस्ट पॉपुलर विलेन बन छा गए। एक्टर को असली पहचान मिली फिल्म शोले से जिसमें उन्हें गब्बर का रोल किया था। क्या आप जानते हैं कि ये रोल पहले रंजीत को ऑफर किया गया था, लेकिन बाद में अमजद खान को मिला और वो इस रोल के बाद ऐसा छाए कि हर किसी के दिल में अपनी खास जगह बना ली। एक्टर ने सत्ते पे सत्ता, चंबल की कसम, मुकद्दर का सिकंदर, शतरंज के खिलाड़ी, याराना और लावारिस जैसी की हैं।
मौत को देखा करीब से
अमजद खान अपनी फिल्मों से ऐसे हिट हुए कि घर-घर में छा गए। कम ही लोगों को पता होगा कि अमजद खान ने करीब से मौत को देखा है। जी हां, साल 1976 में उनका भयानक एक्सीडेंट हुआ था। इस हादसे में उनकी पसलियां टूट गई थीं और फेफड़ों में भी इंफेक्शन हो गया था। एक्टर की इतनी खराब हालत हो गई थी कि वो 3 महीने तक बेड पर आ गए थे।
मोटापे ने बर्बाद किया करियर
अमजद खान का एक्सीडेंट के बाद वजन बढ़ने लगा। ऐसे में उन्होंने इसका इलाज तो करवाया, लेकिन कुछ आराम नहीं पड़ा। हालत ये हो गई कि उनके पास काम ही नहीं था। उनके मोटापे की वजह से मेकर्स ने उन्हें काम देना बंद कर दिया। ऐसे में एक समय ऐसा आ गया था कि उन्हें आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा। अमजद खान का साल 1991 में हार्ट अटैक की वजह से निधन गया।