जबलपुरमध्य प्रदेश

बाघ बचाने  अनूठी पहल :   जेल व सुधारालय में बनाई अनोखी 10 हजार राखियां

सिवनी यश भारत-जिलेभर में आज भाई बहन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।त्योहार के लिए जिला जेल के बंदी और सुधारालय के किशोरोंं ने कई तरह की राखियां तैयार की हैं।राखी के जरिये बाघ बचाने,वन संरक्षण, तिरंगा-सर्वधर्म समभाव,राष्ट्रप्रेम,सद्भाव का संदेश देने की भी पहल की गई है।इन राखियों को देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात सेना के जवानों,जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी,जनप्रतिनिधि,जिला जेल स्टॉफ,वन एवं अन्य विभाग,पेंच टाइगर रिजर्व और नागरिकों में बांटा गया है।

बनाई गई 10 हजार राखियां:-

जिला जेल में वर्तमान में 275 बंदी हैं।जिनमें से 18 महिलाएं हैं।जेल प्रशासन और समाज सेवी संस्थाओ ने बंदियों के जरिये नि:शुल्क राखी बनवाने की पहल की।और राखी बनाने की सामग्री धागा,रेशम,मोती,नग व सजावट की अन्य सामग्री उपलब्ध कराई।और बंदियों व शासकीय सुधारालय के 86 किशोरों ने 10 हजार राखियां बनाने में अपना योगदान दिया है।

 

बाघ संरक्षण का संदेश दे रही राखियां:-

जिले के पेंच राष्ट्रीय उद्यान और वन विभाग सिवनी के लिए 10 हजार बाघ राखियां बनवाई गई हैं। जो सिवनी जिला जेल और शासकीय सुधार गृह के बच्चों के हाथ से ये राखी बनाई गई हैं। पेंच पार्क प्रबंधन का कहना है बाघ संरक्षण की इस अद्भुत पहल को वास्तविकता में बनाने में वन विभाग और जिला जेल के बंदियों का भी समर्थन मिला है। जो कि बहुत ही उत्साह की बात है।

जिला जेल के उप अधीक्षक अजय सिंह वर्मा का कहना है की जिला जेल के बंदियों ने तरह-तरह की सुंदर राखियां तैयार की हैं। ये राखियां सेना के जवान, प्रशासन व अन्य विभाग के अलावा नागरिकों तक नि:शुल्क पहुंचाई गई हैं। बाघ वाली राखियां भी बंदियों ने बनाई हैं। इस तरह से बाघ संरक्षण की मुहिम में बंदीयों ने भी अपना समर्थन व सहयोग दिया हैं।

वहीं शासकीय सुधारालय सिवनी के अधीक्षक अभिजीत पचौरी का कहना है कि शासकीय सुधारालय के 86 किशोरों ने हजारों राखी तैयार किया है। इसमें बाघ संरक्षण, तिरंगा और कई तरह की सुंदर राखियां बनी हैं।सनजसेवी संस्थान ने प्रशिक्षण दिया था। जिसके बाद किशोरों ने राखियां तैयार की। और आज ये राखियां भाइयों की कलाई में बहने बांधेंगी।

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