Rath Yatra of Lord Jagannath begins. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू
अहमदाबाद में गृहमंत्री शाह ने मंगला आरती की, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सोने की झाड़ू से रास्ता साफ किया
पुरी, अहमदाबाद, एजेंसी। 53 साल बाद इस साल पुरी की रथयात्रा दो दिनों की होगी। स्नान पूर्णिमा पर बीमार हुए भगवान जगन्नाथ आज सुबह ठीक हुए, इसलिए रथयात्रा से पहले होने वाले उत्सव भी आज ही मनाए जा रहे हैं।भगवान को आम दिनों से 2 घंटे पहले जगाया गया। मंगला आरती सुबह 4 की बजाय रात 2 बजे हुई। इससे पहले 1971 में भी रथयात्रा दो दिन चली थी।मंगला आरती के बाद करीब ढाई बजे दशावतार पूजन हुआ। 3 बजे नैत्रोत्सव और 4 बजे पुरी के राजा की तरफ से पूजा की गई। अब सूर्य पूजा के बाद भगवान को खिचड़ी का भोग लगेगा। इसके बाद रथों की पूजा होगी और भगवान को खास कपड़ों में लपेटकर मंदिर से बाहर लाया गया। रथयात्रा में ज्यादा भीड़ होने की संभावना है, इसलिए भगवान के नवयौवन दर्शन नहीं होंगे। रथयात्रा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिलहो रहीं हैं। जबकि अहमदाबाद में रविवार (7 जुलाई) को भगवान जगन्नाथ की 147वीं वार्षिक रथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ जमालपुर इलाके में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से 18 किलोमीटर की रथ यात्रा पर निकल गए हैं। रथ यात्रा से पहले सुबह 4 बजे गृहमंत्री अमित शाह ने पत्नी सोनल शाह के साथ भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती की। इसके बाद करीब 6.30 बजे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि पूरी की। उन्होंने सोने की झाड़ू से रथ का मार्ग साफ किया। इसके बाद श्रद्धालुओं के साथ भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा।प्राचीन परंपरा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ खलासी समुदाय के लोग खींचते हैं। सुबह करीब 7 बजे शुरू हुई रथ यात्रा शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरते हुए रात 8 बजे तक वापस मंदिर लौटेगी। हिंदू पचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीय (आषाढ़ी बीज) के दिन रथ यात्रा निकलती है।