करोड़ों का राजस्व देने वाली कंपनी पर दबंगों का कहर: दहशत कर दो ने रास्ते में डाल दिए लोहे की नुकीले कील
अनूपपुर,// जिले के कोतमा क्षेत्र में दबंगो का कहर अपने चरम पर है। यहां कानून का डर अब अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर नहीं रहा है। जिले में करोड़ो रूपये का निवेश कर रेत का टेंडर लेनी वाली अधिकृत रेत कंपनी के हाथ पैर दबंगों के डर से फूलने लगे हैं। एक तरफ ती कंपनी हर महीने राजस्व के रूप में प्रदेश सरकार को लाखो रुपये अदा कर रही है तो दूसरी तरफ कोतमा क्षेत्र में दबंगों के द्वारा कंपनी को काम करने नहीं दिया रहे है।
दरअसल अब रेत का काम करने वाली कंपनी करोड़ो रूपये का टेंडर लेने के बाद भी दहशत के साए तले काम करने को मजबूर हैं। जिले के कोतमा क्षेत्र के दबंगों के द्वारा करोड़ो का राजस्व दे कर टेंडर लेने वाली कंपनी के ऊपर दबाव बनाकर कोतमा क्षेत्र की चंगेरी खदाने अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के फिराक में लगे हैं। जिसके लिए दबंगो के द्वारा लगातार अधिक्त कम्पनी के लोगों के ऊपर दबंगई दिखाना शुरू कर दिया है। यहाँ ठेका कम्पनी दबंगों के दहशत में काम करने को मजबूर हैं और कंपनी के हाथ पैर फूलने लगे। यहाँ दहशतगदों ने अपनी दहशत फैलने के लिए चांगेरी के रेत खदान आने जाने वाले रास्तों में नुकीले कील लगाकर आवागमन अवरुद्ध
करते हुए कंपनी के साथ ग्रामीणों के आने जाने वाले आम राजगीरों की गाड़ियों को रोकने की चेष्टा से किया है। आपको बताते चलें कि करोड़ों का राजस्व देने वाली रेत कंपनी का अनूपपुर जिलों में बीते कुछ सालों से बेहद बुरा हाल हो रहा है जो भी कंपनी जिले में काम करने आती है दबंगों के द्वारा काम करने नहीं दिया जाता, या तो कंपनी दबंगों के सायतले और अधीन हो कर काम करे, या अपना बोरिया बिस्तर बांधकर काम करना छोड़ कर चलता बने, जिससे सरकार को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा हैं।
कुछ असामाजिक लोगो के द्वारा केवई नदी से लेकर चंगेरी गाँव के मध्य पडने वाले सड़कों के बीच बड़े-बड़े पत्थर व नुकीले कील डालकर एवं वाहनो पर पत्थर फेंक कर वाहनों को क्षति पहुंचाया जा रहा है। जिससे वाहन पंचर हो रहे हैं वहीं जाम की स्थिति भी निर्मित हो जाती है। कई बार तो दुर्घटनाओं की भी
संभावना बनी होती है एवं वाहनों का काफी नुक़सान हो रहा है। वही शिकायत पत्र में अवैध व्यापार में संलिप्त रहने वाले तथाकथित मनीष नामक व्यक्ति के लोगो द्वारा लगातार ऐसा करते हुए दबाव बनाया जा रहा है कंपनी ने तथाकथित व्यक्ति पर कार्यवाही की मांग की है।
प्रदेश सरकार का सुरक्षा का वादा.. तो जिले में करोड़ों का टेण्डर लेने वाली कम्पनी के ऊपर दबंगों की दहशत
एक तरफ तो प्रदेश सरकार और खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश में सभी तरह का निवेश करने वाली कम्पनी एवं हर तरफ का ठेका लेने वाली कंपनियों को आस्वस्त करते हुए सुरक्षा का वादा कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ करोड़ का राजस्व देने वाली कंपनी अब अनूपपुर में दबंगों की दहशत के साय तले काम करने को मजबूर है दरअसल करोड़ का राजस्व देने वाली रेत कंपनी को कोतमा क्षेत्र में दबंगों के द्वारा काम नहीं करने दिया जा रहा है।
बीते कई सालों से जिले में काम करने वाली कंपनी का बुरा हाल है। बीते साल के जी डेवलपर्स ने अनूपपुर में ठेका लिया था लेकिन वह भी बेहतर तरीके से काम नहीं कर पाए, और कंपनी को करोड़ो का नुकसान हुआ था। तो दूसरी तरफ हाल में जिस रेट कंपनी ने जिले में ठेका लिया है उसकी हालत भी कुछ बेहतर नहीं है कोतमा क्षेत्र के माफियाओं के द्वारा दबंगई दिखाकर खदानों को अपने कब्जे में लेने की मनसा से कंपनी पर दबाव बनाया जा रहा है जिस से कंपनी दबाव में आकर वा तो दबंग को कमीशन देना शुरू कर दे या तो दबंग की बातों को मानते हुए कोतमा क्षेत्र की खदान का काम उनको दे दे, जो वो चाहते हैं। यही जब कंपनी ने ऐसा करने से साथ तौर पर मना कर दिया जिसके बाद लगातार दबंग के द्वारा कंपनी और कंपनी के लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है। वही अब कोतमा क्षेत्र के दबंग के द्वारा कंपनी की गाड़ियों का रास्ता रोककर कई किलोमीटर सड़क पर लोहे की नुकीले कील लगा दिया गया है। जिससे आवागमन बाधित हो रहा है वही कई राहगीरों की गाड़ियों को भी अच्छा खासा नुकसान हो रहा है।
कम्पनी को जबरन दे रहे घुड़की
रेत खदानों कोलेकर सरकार व ठेकेदारों के बीच अभी भी कशमकश जारी है आलम ये है कि कम्पनी द्वारा करोड़ो रूपये का टेंडर व लीगल ठेका लेने के बाद भी न ही स्थानीय प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग मिल रहा है न सरकार अपने हो रहे राजस्व मुनाफे को लेकर चिंतित हैं। कम्पनी अगर ठेका छोड़ती है तो पुनः उन स्थानीय माफियाओं के कद बढ़ जाएगा जो बारह मासी नदी से अवैध व चोरी की रेत निकासी करते हैं। कोतमा तहसील अंर्तगत यह दूसरी मरतबा है जब कम्पनी के कुछ कर्मचारियों पर स्थानीय थाना द्वारा कार्यवाही की गई है सवाल यह है कि लीगल ठेका लेकर कम्पनीकार्य कर रही है उसके बाद भी कम्पनी स्थानीय प्रशासन पर आश्रित है और स्थानीय स्वार्थी तत्वों जिनका अब रेत निकासी में जुगाड़ नही बन रहा है द्वारा शिकवा शिकायत जारी है खैर निश्चित ही इस पूरे मसले पर स्थानीय प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि रेत के इस व्यवसाय से सरकार के मुनाफे में इजाफा हो और आम आदमी को आसानी से रेत मिल सके।
रेत से पुराना नाता…
अनूपपुर जिले की कोतमा तहसील में कई दिनों से रेत के व्यवसाय को लेकर जंग जारी है कम्पनी के कार्य को प्रभावित करने के लिए कुछ न कुछ पैंतरे अपनाए जा रहे हैं। सूत्रों की और जनचर्चाओ की मानें तो कथित व्यक्ति पूरे रेत के कारोबार को कंट्रोल करने का जिम्मा शुरू से ही था और उक्त व्यक्ति द्वार पूर्व रेत ठेकेदार के जी डेवलपर्स को ब्लैकमेल करके कोतमा की खदान का संचालन अपने हाथ में ले लिया था। खदान का संचालन खुद के जिम्मे लेने के बाद योजनाबद्ध तरीके से छोटे गाड़ी मालिकों को खत्म कर दिया गया और तहसील की सभी साइटों पर रेत की आपूर्ति एवं बिक्री मेंमोनोपॉली बना ली गई।
अलग-अलग जुगत में जुटा कथित माफिया
यह पूरा कोतमा क्षेत्र जानता है कथित रेत का व्यापारी रेत में इस कदर पैर पसारा है कोई भी बाहर की ठेका लेकर आने वाली कम्पनी इसके जद में रहता है। खुद का जुगाड़ न बनने और स्थापित साम्राज्य को बचाने के जुगत में कथित रेत माफिया आये दिन ठेकेदार की शिकायत करना और करवाना शुरू कर दिया। सरकार द्वारा नीयत रेत दरों को जनता तक आसानी से पहुँचाने का जिम्मा जिन कम्पनियों को है ऐसे मंसूबो पर कथित व्यक्ति पानी फेरता नजर आ रहा है। यही नही उक्त व्यक्ति सरकारी अधिकारियों पे आक्षेप लगाना शुरू कर दिया।
ठेकेदार के कर्मचारियों को रास्ता रोकना व उनके साँथ अभद्रता करवाना भी अब ऐसे व्यक्तियों के लिए आम हो चुका है। जल्द ही ऐसे विषयो पर अगर प्रशासन सख्त नही हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब कम्पनी रेत के इस कारोबार को सरकार को सरेंडर कर देगी और माफिया व चोरों की एक फौज पुनः रेत निकासी में अपना सिक्का दौड़ाएंगे।