गोरखपुर से गोहलपुर तक लगे हैं अवैध होर्डिंग : मुम्बई हादसे के बाद भी नहीं चेत रहा प्रशासन
जबलपुर,। मुम्बई में हुए खौफनाक होर्डिंग हादसे से जिला प्रशासन और विशेषकर नगर निगम प्रशासन ने क्या और कितना सबक लिया आज यह सबसे बड़ा सवाल है। गोरखपुर से लेकर गोहलपुर और सदर से लेकर मेडिकल तक हर जगह ऊंची ऊंची इमरातों में विशालकाय होर्डिंग टंगे हुये हैं। इनमें से कितने अनुमति लेकर लगे हैं, कितनों में सुरक्षा के इंतेजाम हैं किसी को नहीं पता है। कई बार शहर में इन होर्डिंग्स के गिरने से हादसे की स्थिति बनी, लेकिन निगम प्रशासन ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। जिसके नतीजा है शहर में होने वाले अंधड़ तूफान में यह होर्डिंग झूलते नजर आते हैं। मुंबई में होर्डिंग गिरने से १४ लोगों की जान चली गई, बावजूद इसके जबलपुर प्रशासन व नगर निगम के अधिकारी होर्डिग को लेकर सचेत नहीं हो रहे हैं। शहर में नियम -कायदों को ताक पर रखकर ऊंचाई पर, विद्युत पोल के ऊपर तक लगाई गई होर्डिंग और यूनीपोल जानलेवा साबित हो सकते हैं। शहर में अधिकांश जगह बिना नगर निगम की अनुमति के भी होर्डिेग, यूनीपोल लगाए गए हैं। होर्डिग एजेंसियों की इस मनमानी पर नगर निगम रोक लगा पाने नाकाम साबित हो रहा है क्योंकि होर्डिंग एजेंसियों को नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है कि नगर निगम ने तो करीब लगभग ४३ होर्डिग, यूनीपोल लगाने की अनुमति दी है लेकिन शहर में हर कहीं होर्डिंग व यूनीपोल नजर आ रहे हैं।
होर्डिंग के उड़ गये चिथड़े…..
इसी की एक बानगी गोहलपुर में भी सामने आई, जहां गत दिवस आंधी में ऊंचाई पर लगी एक यूनिपोल को क्षतिग्रस्त हो गई। 35 से 40 किमी की आंधी से यूनीपोल में लगा विज्ञापन के चिथड़े उड़ गए। मुंबई की घटना से सहमे आस-पास के रहवासी व दुकानदारों में हड़कंप मचा रहा। उनका कहना है कि नगर निगम द्वारा ऊंचाई पर मानकों को दरकिनार कर होर्डिंग, यूनीपोल लगाने की अनुमति दे रहा है लेकिन सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे।
होर्डिंग का सेफ्टी आडिट हो……
गौरतलब है कि मुंबई में होर्डिग गिरने से जबलपुर निवासी मनोज चंसोरिया एवं उनकी पत्नी की अकस्मिक मृत्यु हो गई। जबलपुर में भी इस तरह की घटना न हो इसके लिए जबलपुर में लगे सभी बिलबोर्ड (होर्डिंग) का सेफ्टी आडिट किया जाना अतिआवश्यक है।