मुख्यमंत्री का आदेश जमीन पर उतारने , आयुक्त ,अपर आयुक्त मैदान में
परिवहन विभाग को हाईटेक करने के सीधे निर्देश
ग्वालियर। जैसे ही मोहन यादव ने सूबे की कमान संभाली थी वैसे ही हुए एक बस हादसे के बाद परिवहन विभाग उनके रैडर पर आ गया था मुख्यमंत्री यादव ने तब से ही परिवहन विभाग की सर्जरी चालू कर दी थी देखते ही देखते पूरा शीर्ष प्रबंधन बदल दिया गया और मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री ने अपने प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ अधिकरियों को परिवहन विभाग की कमान सौंप दी और आयुक्त डीपी गुप्ता और अपर आयुक्त उमेश जोगा ने भी आते ही विभाग के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ताबड़ तोड़ दौरे चालू कर दिए जिसके चलते पूरे विभाग में हड़ककम्प सा आ गया पुरानी दस्ता बन्द शिकायतों की पौटलियाँ खुल गई और चेकपोस्ट पर निजी कर्मचारियों द्वारा हो रही अवैध वसूली पर भी अंकुश लग गया । साथ ही परिवहन विभाग को आमजन के लिए सुलभ बनाने के लिय भी हाईटेक सुविधएं उपलब्ध कराने के लिए काम शुरू कर दिया है गुजरात की तर्ज पर प्रदेश की चेकपोस्टों को आधुनिक करने का काम भी शुरू ही गया है जिसका रिजल्ट भी लोकसभा चुनाव के बाद दिखने लगेगा । कई सालों से एक ही ठर्रे पर चल रहा विभाग आयुक्त डीपी गुप्ता व अपर आयुक्त उमेश जोगा के आने से बदलाव की उम्मीद जगा रहा है अब ये तो समय ही बताएगा कि वास्तव में परिवहन विभाग कितना बदलेगा ।
डी पी गुप्ता व उमेश जोगा का भ्रष्टाचारियों में ख़ौफ़
जिस तरह से परिवहन विभाग में आते ही भ्र्रष्ट कर्मचारियों पर आयुक्त व अपर आयुक्त ने कार्यवाही की है उसके चलते विभाग में एक सन्नाटा सा छा गया है दबी जबान में कर्मचारियों में फुसफुसाहट है की यदि ये दोनों अधिकारी ज्यादा दिन तक रहे तो मलाई चाटना मुश्किल हो जाएगा । सूत्रों की माने तो कुछ चेकपोस्ट प्रभारी , कटरों ने व दलालों ने तो विभाग की पंजीरी फांकने वाले पालतू पत्रकारों को डी पी गुप्ता व उमेश जोगा को निपटाने के लिए मनगढ़ंत खबरे लिखने के लिए भी कह दिया है जिसके एवज में उन्हें मोटी मलाई खिलाने का वादा भी कर दिया है । सैकड़ों शिकायते दिल्ली भोपाल तक पँहुचा दी गई हैं । डीपी गुप्ता व उमेश जोगा की राह आसान नही है पर वो काम ही क्या जो आसानी से हो जाये शायद यही ठान कर ये दोनों अधिकारी मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री उदय प्रताप के विजन को परिवहन विभाग में लागू कराने के लिए जूट गए हैं