जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

गेहूं खरीदी के नियमों से किसानों का माथा ठनका, ग्रेड-1 गेहूं कहां से लाएं

फसल खराब हुई, दूसरे जिलों में सामान्य रूप से खरीदी

 

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जबलपुर, यशभारत। 29 मार्च से गेहूं खरीदी का सिलसिला शुरू हो गया है, इस बार खरीदी के नियम कड़े किए गए हैं और इससे किसानों का माथा ठनक गया है। किसान इस बात को लेकर परेशान है कि मौसम की वजह से उनकी फसलें खराब हो गई है ऐसी स्थिति में ग्रेड-1 गेहूं से कहां से लेकर आए। दूसरी तरफ अन्य जिलों में गेहूं खरीदी सामान्य नियमों के तहत हो रही है जिससे किसान नाराज है। उनका मानना है कि जबलपुर किसानों के साथ जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है जिससे मजबूरीवश किसानों को मंडी में गेहूं बेचना पड़े और बचैलियों के हाथों लुटना पड़े।

14 दिन मंें 4 हजार 30 क्ंिवटल की खरीदी
गेहूं खरीदी के नियमों को लेकर जहां किसान परेशान है तो वहीं इसका असर खरीदी पर पड़ रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि 44 किसानों से 14 दिन में सिर्फ 4 हजार 30 क्ंिवटल गेहूं खरीदी हो सकी है। विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि अभी कटाई का सिलसिला जारी है जैसे ही कटाई पूरी होगी खरीदी बढ़ जाएगी।

129 केंद्रों में होना है खरीदी
जिले में गेहूं खरीदी के लिए 129 केंद्र बनाए गए हैं इसके लिए 55 हजार 285 किसानों ने पंजीयन कराया है। फिलहाल 2171 किसानों ने स्लाॅट बुक कराया है। इस बार 11 स्व सहायता समूहों को भी खरीदी केंद्र की जिम्मेदारी दी गई है। बताया जा रहा है कि गेहूं खरीदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए लगातार सर्वेयर की टीमें केंद्रों में पहंुच रही है और वहां व्यवस्थाओं की जानकारी ले रही है।
नान-एफएक्यू गेहूं लेकर जाओगे तो खुद देना होगा पूरा खर्च
मालूम हो कि कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना खरीदी शुरू होने के पहले आदेश कर चुकें हैं कि स्लॉट बुक करने के बाद भी यदि किसान नान-एफएक्यू गेहूँ लेकर आते हैं तो उन्हें अपने खर्चे पर उसे अपग्रेड कराना होगा । इसके लिये प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर छन्ना, पंखा, ग्रेडिंग मशीन और मॉइश्चर मीटर की व्यवस्था की गई है । किसान समिति को निर्धारित शुल्क का भुगतान कर अपनी उपज को अपग्रेड करा सकेंगे ।समिति द्वारा इस शुल्क को नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जायेगा। निर्देशों में अधिकारियों को एफएक्यू गेहूँ की जाँच का किसानवार रिकार्ड रखा जाएगा।
हार्वेस्ट से कटवाने पर मिलता है सही गेहूंकिसानों का कहना है कि ग्रेड-1 गेहूं मांगा जा रहा है परंतु समस्या ये है कि हार्वेस्ट से गेहूं कटवाने पर ही साफ-सुथरा गेहूं मिलता है, बड़े किसान हार्वेस्ट से फसल कटवा सकते हैं परंतु छोटे किसानों के पास इतना पैसा नहीं है कि इस मशीन का उपयोग कर पाए। किसानों की माने तो गेहूं खरीदी के नाम सिर्फ परेशान किया जा रहा है, बड़े किसानों को फायदा पहंुचाने के लिए नियमों को कड़ा किया गया है। मौसम के कारण जिस तरह से फसल खराब हुई उससे ग्रेड-1 गेहूं पाना मुश्किल ही है।

इनका कहना है
नियमों के तहत गेहूं खरीदी की जा रही है, ग्रेड-1 श्रेणी का ही गेहूं खरीदने के निर्देश केंद्रों को दिए गए हैं। सर्वेंयर से लेकर समितियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जल्द ही खरीदी में तेजी आएगी।
अर्पित तिवारी, जिला विपणन अधिकारी

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