जबलपुर

आखिर हादसे का इंतजार क्यों? गुना हादसे के बाद RTO अमले की बसों पर चालानी कार्रवाई

चैक होने लगे फिटनेस और इंश्योरेंस

JABALPUR. गुना के भीषण हादसे और हादसे के बाद प्रशासन द्वारा चलाए गए कार्रवाई के कोड़े के बाद परिवहन विभाग हरकत में आया है। जबलपुर में आरटीओ के अमले ने एक ही दिन में 85 से ज्यादा बसों की जांच कर डाली। 31 बसों के खिलाफ चालानी कार्रवाई भी की और 51 हजार से ज्यादा का जुर्माना वसूल डाला। विभाग ने बस संचालकों को चेतावनी भी दी है कि अगर अगली मर्तबा बसों के दस्तावेज पूरे नहीं मिले तो सीधे परमिट ही निरस्त किया जाएगा।

कब-कब हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई
देखने में आया है कि किसी बड़े हादसे के बाद ही उनींदा प्रशासन नींद से जागता है और ताबड़तोड़ कार्रवाई की जाती है। 90 के दशक में जबलपुर के मनेरी में बस में लगी आग के बाद प्रशासन ने बोतल या जरीकेन में पेट्रोल-डीजल बेचने पर पाबंदी लगाई थी। साल 2015 में हुए एक भीषण बस हादसे के बाद बसों में आपातकालीन दरवाजे समेत अन्य मानक स्थापित किए गए थे। अब गुना में हुए हादसे के बाद बसों के दस्तावेज गंभीरता के साथ चैक किए जा रहे हैं।

85 बसों में से एक बिना फिटनेस वाली बस मिली
बता दें कि शुक्रवार को परिवहन विभाग ने जिन 85 बसों की जांच की उनमें से एक बस ऐसी पाई गई, जिसका फिटनेस नहीं था। जांच दल ने उक्त बस मालिक पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसके अलावा ओवरलोड और बिना परमिट वाली बसों की जांच भी की गई। हालांकि आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी ने बताया तेज रफ्तार और ओवरलोड बसों के खिलाफ यह कार्रवाई सतत रूप से जारी रहेगी।

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