मजदूर दिवस पर 72 हजार ‘गुरुजी’ बेरोजगार, अनुबंध न बढ़ने से शिक्षकों में आक्रोश,
10 मई को बड़े आंदोलन की तैयारी

अतिथि शिक्षकों की एक साल के अनुबंध की मांग:
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संगठन लंबे समय से अतिथि शिक्षकों की सेवाओं को स्थायी करने की मांग कर रहा है। यदि नियमितीकरण संभव नहीं है, तो कम से कम उनके साथ एक साल का अनुबंध तो किया ही जा सकता है। वर्तमान व्यवस्था में अतिथि शिक्षक साल में केवल 8 से 10 महीने ही स्कूलों में सेवा दे पाते हैं, जबकि शेष समय वे बेरोजगार रहते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह सुविधाएं प्रदान की जाएं और उनके साथ हो रही विसंगतियों को दूर किया जाए।
महिला अतिथि शिक्षकों को मातृत्व अवकाश और स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं:
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया

राजधानी में चक्का जाम की चेतावनी:
सुनील सिंह परिहार ने सरकार के इस रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि 1 मई को मजदूर दिवस के दिन स्कूल शिक्षा विभाग ने 72 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों को बेरोजगारी का तोहफा दिया है। इसके खिलाफ राजधानी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसके बाद भी अतिथि शिक्षकों को वापस नहीं लिया जाता है, तो प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक राजधानी में एकत्रित होकर चक्का जाम करेंगे। इस आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए 10 मई को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।