
भोपाल। देश के पांच राज्यों मप्र, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, और गोवा के साथ केंद्र शासित दमन दीव और दादर नगर हवेली की बिजली भोपाल से कंट्रोल होगी। इसके लिए भोपाल में बिजली सप्लाई का वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर बनाया जा रहा है। भोपाल में यह डिस्पैच सेंटर एयरोसिटी की 10.50 एकड़ जमीन पर बनेगा। डिस्पैच सेंटर के निर्माण पर लगभग 250 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। केवल बिल्डिंग के ही निर्माण पर लगभग 60 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
दरअसल बिजली ट्रांसमिशन का लोड लगातार बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में मुंबई स्थित सेंटर अब छोटा पडऩे लगा है। वहां तय मानकों के अनुसार नया सेंटर बनाने के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिलने पर सेंटर को मप्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने इस बारे में राज्य सरकार से संपर्क किया। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे से हुई चर्चा के बाद राजधानी होने और जमीन उपलब्ध होने के आधार पर सेंटर को भोपाल में बनाने का निर्णय लिया गया।
बीडीए करेगा निर्माण
भोपाल में सेंटर बनने की बात पता लगने पर बीडीए चेयरमैन कृष्णमोहन सोनी ने एयरो सिटी की 10.50 एकड़ जमीन पर सेंटर और साथ में कॉलोनी निर्माण का प्रस्ताव दिया। बीडीए यहां कंट्रोल रूम, ऑफिस, गेस्ट हाउस, ट्रांजिट कैंप कैंटीन, ट्रेनिंग सेंटर, सब स्टेशन, रेसीडेंशियल बिल्डिंग, मल्टीपर्पज हॉल, क्लब का निर्माण करेगा। बैटरी रूम, फायर फाइटिंग का भी यहां इंतजाम होगा। सोनी ने कहा कि लोड डिस्पैच सेंटर का निर्माण करना बीडीए के लिए उपलब्धि है।
बैकअप की तरह काम करेगा मुंबई का सेंटर
इस सेंटर के तैयार हो जाने के बाद मुंबई के मौजूदा सेंटर को बैकअप की तरह उपयोग किया जाएगा। दो अलग-अलग सेंटर होने से भूकंप या अन्य किसी आपदा के कारण किसी एक सेंटर को नुकसान पहुंचता है या कोई सेंटर किसी तकनीकी वजह से बंद होता है तो दूसरे सेंटर से बिजली सप्लाई को नियंत्रित किया जा सकेगा। अभी तक ऐसा कोई बैकअप सिस्टम उपलब्ध नहीं है।
सेंटर बनने से बिजली से जुड़े और संस्थान भी आएंगे
ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के निर्माण का प्रस्ताव दिया था। वे भोपाल में यह महत्वपूर्ण सेंटर बनाने के लिए राजी हो गए। बीडीए इसकी निर्माण एजेंसी होगा सेंटर बन जाने से बिजली के क्षेत्र में और भी कई इंस्टीट्यूट और सेंटर भी भोपाल आएंगे और भोपाल व मप्र के विकास के नए रास्ते खुलेंगे।-संजय दुबे, प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग
आगे क्या होगा
भोपाल देश में बिजली क्षेत्र के नक्शे पर उभरेगा और सरकारी जमीन बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने के साथ देश के मध्य में होने से बिजली ट्रांसमिशन से जुड़े अन्य सेंटर और इंस्टीट्यूट भी भोपाल आ सकते हैं।
यह काम होंगे सेंटर में
220 केवी और इससे अधिक की बिजली लाइनों की ट्रांसमिशन लाइन बिछाने, ट्रांसफॉर्मर लगाने, लाइन चार्ज करने आदि के निर्णय जो अभी मुंबई में होते हैं, वो भोपाल में होंगे।