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31 हजार करोड़ का हिसाब नहीं दिया 29 विभागों ने – कैग ने जताई कड़ी आपत्ति

भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार के 29 विभागों ने 30926.48 करोड़ रुपये का हिसाब ऑडिट के दौरान नहीं दिया। 2021-22 में व्यव किए गए उपयोगिता प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया। महालेखा परीक्षक ने अनुदान राशि के दुरुपयोग और धोखाधड़ी की आशंका जाहिर की है।
वर्ष 2021-22 के खर्च के ऑडिट में यह जानकारी सामने आई है।
ऑडिट में 20114 उपयोगिता प्रमाण पत्र दिए जाने थे। राज्य के निकायों तथा प्राधिकरण ने उपयोगिता प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किए। 30926 करोड़ रुपए की राशि किस उद्देश्य के लिए ली गई थी। कहां खर्च की गई है। इसका भी हिसाब किताब महालेखा नियंत्रक को नहीं मिला।
महालेखा परीक्षक की कड़ी आपत्ति
महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में 29 विभागों ने 2 साल से खर्च का कोई हिसाब ही नहीं दिया। वर्ष 2021 वर्ष की अवधि तक के बकाया की उपयोगिता प्रमाण पत्र से संबंधित 3933। 99 करोड़ रुपये समायोजित कर दिए गए। इसी तरह से वर्ष 2020 -21 में 15553.96 करोड़ के 19600 उपयोगिता प्रमाण पत्र और वर्ष 2021 -22 में 15392.52 करोड़ रुपए के उपयोगिता प्रमाण पत्र ऑडिट के दौरान नहीं दिए गए। महालेखा परीक्षक ने बड़े पैमाने पर गबन और घोटाले की आशंका जताई है।

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