20 समूहों की 63 शराब दुकानों से 363 करोड़ की कमाई का टारगेट, लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ शराब दुकानों का होगा नवीनीकरण

कटनी, यशभारत। जिले में इस बार 20 समूहों की 63 देशी-विदेशी शराब दुकानों से राज्य सरकार को 363 करोड़ रूपए की कमाई होगी। वर्ष 2024-25 की बात करें तो शराब दुकानों से सरकार को 303 करोड़ रूपए का राजस्व मिला था। वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश के आबकारी विभाग ने लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी है। लाइसेंस फीस में बढ़ोत्तरी के साथ शराब दुकानों का नवीनीकरण किया जाएगा। आबकारी विभाग का प्रयास है कि जिले में 80 प्रतिशत से अधिक दुकानों का नवीनीकरण हो जाए। इसके बाद शेष दुकानों के लिए लाटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
जानकारी के मुताबिक नई आबकारी नीति के प्रावधानों के अनुसार जिले की समस्त फुटकर कम्पोजिट मदिरों दुकानों और एकल समूहों का निष्पादन 1 अपै्रल 2025 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला निष्पादन समिति द्वारा नवीनीकरण एवं लाटरी पद्धति से किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के बाद कटनी जिले में भी आबकारी विभाग ने देशी और विदेशी शराब दुकानों के नवीनीकीरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नवीनीकरण के लिए कल 17 फरवरी से आवेदन पत्र प्राप्त करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिला कार्यालय से 21 फरवरी तक आवेदन लिए जा सकेंगे। शराब दुकानों के नवीनीकरण के लिए आगामी 8 मार्च की तारीख तय की गई है। बताया जाता है कि जिले में कम से कम 80 प्रतिशत दुकानों का ठेका नवीनीकरण के माध्यम से दिया जाएगा। इसके बाद शेष दुकानों के लिए लाटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
वर्ष 2024-25 के वार्षिक मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि के उपरांत वर्ष 2025-26 के लिए आरक्षित मूल्य का निर्धारण किया गया है। वर्ष 2025-26 में सर्वप्रथम वर्तमान वर्ष 2024-25 के अनुज्ञप्तिधारियों को नवीनीकरण का अवसर प्रदान किया गया है, इसके उपरांत लॉटरी आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। नवीनीकरण एवं लॉटरी आवेदन पत्र से जिले के आरक्षित मूल्य के 80 प्रतिशत अथवा उससे अधिक के राजस्व की प्राप्ति होने पर जिले को नवीनीकृत किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर ई-टेण्डर और ई-टेण्डर कम ऑक्शन की पद्धति से निष्पादन किया जावेगा।
जिला निष्पादन समिति का गठन
नई आबकारी नीति के अनुसार जिले में जिला निष्पादन समिति गठित का गठन किया गया है। समिति मदिरा दुकानों का विस्थापन कर जिले में अन्य स्थानों पर विस्थापित दुकान खोलने, दुकानों का पोटेंशियल क्षेत्र निर्धारित करने, दुकानों का आरक्षित मूल्य निर्धारण करने, मदिरा दुकानों के एकल समूह का गठन या पुनर्गठन करने, शासन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार दुकानों का निष्पादन करने संबंधी सभी कार्य करेगी। मदिरा दुकान बंद करने के लिए आबकारी आयुक्त प्रस्ताव दे सकेंगे। अंतिम निर्णय राज्य शासन स्तर पर होगा।
नई नीति में जारी हुए निर्देश
वर्ष 2025-26 में रेस्तरां बार की एक नवीन श्रेणी लो एल्कोहालिक बीवरेज बार प्रारंभ की जाएगी। इस लायसेंस के अंतर्गत रेस्तरां में सिर्फ बीयर, वाईन एवं रेडी टू ड्रिंक श्रेणी की विदेशी मदिरा, जिसमें अल्कोहल की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत तक ही हो के सेवन की अनुमति होगी। किसी भी प्रकार के स्पिरिट का सेवन प्रतिबंधित रहेगा। वर्ष 2025-26 से व्यवसायिक किस्म के आयोजनों के लिए प्रासांगिक अनुज्ञप्ति एफएल-5 की लायसेंस फीस की पृथक श्रेणी रहेगी।
धार्मिक शहरों में नहीं बिकेगी शराब
नई आबकारी नीति के अनुसार प्रदेश में घोषित पवित्र क्षेत्रों में मदिरा दुकानों को 1 अप्रैल से बंद कर दिया जाएगा। इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मण्डलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, अमरकंटक, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर, बांदकपुर शामिल है। इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के वाइन आउटलेट के लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे।








