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प्रदेश में 100 लाख फार्मर आईडी बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित : 20 मार्च तक फार्मर आईडी बनाये जाने की कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश

नरसिंहपुर यशभारत। भारत सरकार एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एग्रीस्टेक योजना के तहत पाप्त निर्देशों के परिपालन में प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री बनाये जाने की कार्यवाही के लिए निर्देश जारी किये गये हैं। इसके अंतर्गत प्रत्येक कृषक भूमिस्वामी को एक यूनिक आईडी भारत सरकार द्वारा जनरेट कर प्रदान की जा रही है। इससे कृषकों को आसानी से केसीसी से ऋण कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हो सकेगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के लिए लक्ष्य निर्धारण व कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सकेगी।

फार्मर आईडी जनरेट करने की कार्यवाही अभियान के रूप में पूर्ण करने के लिए कैम्प आयोजित किये जायेंगे। इसके लिए प्रत्येक कैम्प के लिए तीन समान किस्तों में 15 हजार रुपये की राशि दी जायेगी। प्रदेश में 100 लाख फार्मर आईडी बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके विरूद्ध 58 लाख फार्मर आईडी बनाई जा चुकी है, शेष 20 लाख फार्मर आईडी बनाये जाने के लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए कैम्प का आयोजन किया जायेगा।

 

इस कार्यवाही के लिए कलेक्टर को जिला नोडल अधिकारी एवं भू- अधीक्षक नियमित को सहायक जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है। सहायक नोडल अधिकारी कैम्प की जानकारी अद्यतन करने एवं कैम्प आयोजन के लिए आवश्यक समन्वयक व अधिकारियों द्वारा कैम्प भ्रमण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। इसकी प्रक्रिया भी भारत सरकार के निर्देश में विहित की गई है। इसी अनुक्रम में शिविर आयोजित कर आयुक्त भू- अभिलेख द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करेंगे। प्रत्येक कैम्प में भारत सरकार द्वारा कुल 15 हजार रुपये की राशि दी जायेगी। गांवों के कल्स्टर से पीएम किसान डाटाबेस अनुसार कम से कम 50 प्रतिशत किसानों को रजिस्ट करने के लिए यह तीन राशि तीन किश्तों में देय होगी, जिसमें 5 हजार रुपये की राशि प्रथम 15 प्रतिशत, 5 हजार रुपये की राशि आगामी 15 प्रतिशत और 5 हजार रुपये की राशि आगामी 20 प्रतिशत फार्मर आईडी जनरेट करने पर प्राप्त होगी।

 

यह राशि फार्मर आईडी एवं खसरा आधार लिंकिंग के लिए नियत कार्यवाही पूर्ण करने पर प्राप्त की जा सकेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मार्च 2025 से फार्मर आईडी की अनिवार्यत: एवं विशेष केन्द्रीय सहायता के तहत इंसेटिव राशि के संबंध में यह आवश्यक है कि प्रत्येक भूमिस्वामी कृषक के लिए फार्मर आईडी युद्धस्तर पर बनाई जाना है। इस संबंध में अपर कलेक्टर ने नरसिंहपुर, करेली, गोटेगांव, गाडरवारा, तेंदूखेड़ा एवं सांईखेड़ा के तहसीलदार व नायब तहसीलदार को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि कैम्प की जानकारी प्रति दिवस सायं 5 बजे तक भू- अभिलेख कार्यालय नरसिंहपुर में भेजना सुनिश्चित करेंगे और फार्मर आईडी बनाये जाने की कार्यवाही 20 मार्च तक पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करेंगे।

 

 

 

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