जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

19,988 अपराध दर्ज 10 फीसदी से अधिक की जांच अधूरी

साल की विदाई के के पहले लबिंत प्रकरणों को निपटाने का टारगेट पुलिस के लिए बना सिरदर्द

जबलपुर, यशभारत। 2025 की विदाई को अब लगभग एक माह बचे हुए है और शहर से लेकर ग्रामीण अंचल के थानों में लंबित प्रकरणों की भरमार के बीच प्रकरणों को निपटाने का टारगेट मिल चुका है जो पुलिस के चुनौती से कम नहीं है। जिले के कुल 36 थानों में 1 जनवरी से लेकर 11 नवम्बर तक दर्ज अपराधों पर अगर नजर दौड़ाई जाएं तो अपराधों का ग्राफबढने के साथ 19,988 अपराध पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए जा चुके है। जिनमें से 10 पीसदी से अधिक मामले लबित है।
किसी मामले की मर्ग जांच अधूरी है तो अनेक प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। अपहृत, गुमे लोगों की दस्तयाबी बाकी है। कुछ के चालान पेश नहीं हुए है। चोरी, लूट, झपटमारी, महिला, संपत्ति संबंधित मामले भी लंबित है। कुछ ऐसे भी अपराध है जिसमें किसी के बयान बाकी है या बिसरा, डीएनए, पीएम समेत अन्य जांच रिपोर्ट आना बाकी है जिसके चलते विवेचना अटकी हुई। ऐसे में साल खत्म होने के पहले समय सीमा में लंबित
प्रकरणों का निकाल पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
धूल भरी फाइलें खुली पुलिस की सक्रियता फील्ड में नजर न आने के चलते कई मामले की जांच अधूरी है। ढीली कार्रवाई के चलते अनेक मामले लंबित पड़े हुए है जिन्हें अब निपटाने का टारगेट मिला तो जो फाइलें कल तक धूल खा रही थी उन्हें खोल दिया गया है। लंबित शिकायतों पर भी जांच पड़ताल चल रही है। पुलिस अधिकारी अधीनस्थों की बैठकें भी ले रहे है। लंबित प्रकरणों को निपटाने पर जोर दे रहे है, फटकार भी लगाई जा रही है। लंबित मामलों को समय सीमा में निपटारा करने थाना प्रभारियों, मातहतों को सख्त निर्देश दिए गए है।

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जहां सर्वाधिक कायमी वहां अधिक पेंडेंसी
अगर आंकड़ों पर नजर दौड़ाई आए तो पनागर, अधारताल, ओमती, कटंगी, मढ़ोताल, गढ़ा, गोरखपुर, गोहलपुर, घमापुर, पाटन, बरगी, बरेला, बेलबाग, मझौली, हनुमानताल, सिहोरा, लार्डगंज, रांझी थाने में सर्वाधिक प्रकरण दर्ज हुए है जिनमें से कुछ थानों में तो एक हजार से अधिक कायमी हुई है तो कुछ में 500 से अधिक मामले कायम किए गए है जहां पेंडेंसी भी अधिक है।

इनका कहना है
यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है लगातार बैठकें ली जा रही है। थानों में लंबित प्रकरणों को निपटाने के लिए समीक्षा तेजी से की जा रही है।
संपत उपाध्याय, एसपी, जबलपुर

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