उज्जैन से 35 किमी दूर कलमोड़ा में पुरातत्व विभाग को 1000 साल पुराना भगवान शिव मंदिर का गर्भ गृह मिला है। खुदाई में अब शिवलिंग बाहर दिखने लगा है। आयुक्त पुरातत्व के निर्देशन में डॉ. वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान भोपाल द्वारा चल रही खुदाई के दौरान ये धरोहर मिली है। यहां परमार कालीन एक हजार वर्ष प्राचीन मंदिर के शिला लेख स्थापत्य खंड और शिव, विष्णु, नंदी जल हरी खंडित अवस्था में निकली है।
एक वर्ष पहले शुरू खुदाई के दौरान अंदाजा लगाया गया था कि यहां गर्भगृह हो सकता है। इसके बाद भोपाल की टीम ने कर सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के बाद पुरातत्व रिसर्च अधिकारी डॉ. धुर्वेंद्र जोधा के निर्देशन में यहां खुदाई शुरू की गई। इसमें शोधार्थी हितेश जोझा, अंकित पाटीदार, राहुल पाटीदार समेत अन्य लोगों की टीम को गर्भगृह मिला। एक बड़ा शिवलिंग भी मिला है, लेकिन उसे साफ किया जा रहा है। डॉ. धुर्वेंद्र जोधा ने बताया कि खुदाई के दौरान मिले मंदिर की लंबाई करीब 15 मीटर है। उस समय का काफी बड़ा मंदिर रहा होगा। अभी खुदाई जारी है।
शिव प्रतिमा से लेकर स्थापत्य खंड मिले
डॉ. जोधा ने बताया कि कलमोड़ा में कोविड की दूसरी लहर के कारण खुदाई का काम बीच में बंद करना पड़ा था। अब काम शुरू होने के बाद मंदिर गर्भ गृह मिला है। परमार कालीन मंदिर के अवशेष के रूप में जल हरी खंडित अवस्था में अवशेष, कलश, आमलक, अमल सारिका, स्तंभ भाग, लता वल्लभ, कोणक (मंदिर स्थापत्य खंड) प्राप्त हुए है।
जमीन में दबे है मंदिर के रहस्य
खुदाई के दौरान मिले पूर्व मुखी शिव मंदिर में पूरा मंदिर दबा मिला था। पूर्व दक्षिण और उत्तर का भाग साफ हो चुका है। पश्चिम भाग बचा है। जमीन में मंदिर के रहस्य दबे हैं।