हाई कोर्ट ने होमगार्ड्स को दो माह का काल आफ देने पर पर लगाई राेक
जबलपुर । हाई कोर्ट ने होमगार्ड्स की ड्यूटी में दो माह का काल आफ देने पर अंतरिम रोक लगा दी है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ ने निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता होमगार्ड सैनिकों की सेवा जारी रखी जाए। कोर्ट ने याचिका को पूर्व से लंबित मामलों के साथ संयुक्त करते हुए राज्य शासन सहित अन्य से जवाब-तलब कर लिया है।
छिंदवाड़ा होमगार्ड्स में पदस्थ जगदीश सिंह सहित 29 सैनिकों ने याचिका दायर कर सरकार द्वारा 13 सितंबर 2022 को होमगार्ड रूल्स 2016 में किए गए संशोधन को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विहाग दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के काल आफ को बदलकर तीन साल में दो माह का काल आफ कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में होमगार्ड्स द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने सहित अन्य राहत दिए जाने की प्रार्थना की गई थी। वर्ष 2011 में हाई कोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया था कि वे होमगार्ड्स की सेवा नियम बनाए व उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखे। इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को यथावत रखा। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाए और आदेश के विपरीत पुनः एक वर्ष में दो माह का बाध्यकारी काल आफ का प्रविधान रख दिया। इसे लेकर कई याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित हैं। वर्ष 2020 में होमगार्ड विभाग द्वारा बाध्य काल आफ का आदेश जारी किया गया जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने विभाग के आदेश पर रोक लगा दी। जब विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया तो अवमानना याचिकाएं प्रस्तुत की गईं।