हथियारों से लैस भीड़ ने पीड़ित के घर में किया हमला, क्षेत्र में तनाव पुलिस बल तैनात : मामूली सड़क विवाद को लेकर दो पक्षों में टकराव

रीवा lमऊगंज के रहना गांव से एक चिंताजनक और बेहद संवेदनशील घटना सामने आई है, जहाँ एक मामूली सड़क विवाद हिंसा में तब्दील हो गया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से लैस भीड़ ने उनके घर पर जानलेवा हमला कर दिया। लेकिन शुक्र है कि घर का मजबूत लोहे का दरवाज़ा और अंदर से बंद ताला उनके लिए जान बचाने की दीवार बन गयाl
13 जून की रात रहना गांव की गलियों में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक मामूली ओवरटेक का मामला हिंसा में बदल गया।जमुहार निवासी शुभम शुक्ला और चाहत शुक्ला के साथ कुछ युवकों ने पहले बहस की, फिर मामला गाली-गलौज और हाथापाई तक पहुँच गया।
बीच-बचाव करने पहुँचे रजनीश शुक्ला को भी बुरी तरह पीटा गया। यही नहीं, हमलावरों ने रजनीश का पीछा कर उनके घर तक हमला कर दिया।
हमलावरों की भीड़ ने पहले घर का बाहरी दरवाज़ा तोड़ने की कोशिश की और फिर अंदर के लोहे के गेट पर हमला किया। लेकिन लोहे का मजबूत दरवाज़ा उस रात इस परिवार के लिए ढाल बन गया। घर के चार सदस्य भीतर सुरक्षित रहे, वरना बड़ा हादसा तय था।
सूचना मिलते ही मऊगंज पुलिस मौके पर पहुँची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। रजनीश का खून से सना गमछा घटनास्थल पर मिला, जो हमले की गंभीरता बयां करता है।
पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सोनी और एएसपी खुद मौके पर पहुँचे और गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रण में लिया गया।
रहना गांव में पिछले कई महीनों से ज़मीन, आदि को लेकर विवाद चलता आ रहा है। ग्रामीण कई बार प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, यहां तक कि एक महीने तक कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया गया।
ऐसे में बड़ा सवाल ये है — जब प्रशासन को इलाके में तनाव की पृष्ठभूमि पहले से पता थी, तो समय रहते एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए?क्या प्रशासन ने एक और टकराव का इंतज़ार किया?
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, जांच जारी है और गांव में स्थिति नियंत्रण में हैl राजेश पटेल, थाना प्रभारी मऊगंज ने बताया कि दो पक्षों के बीच में टकराव हुआ है मामले की पड़ताल जारी है l






