जबलपुरमध्य प्रदेश

स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही अस्पताल पडा खाली, मरीजों को पड़ रहा भारी

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मंडला, यश भारतl ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए शासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है बावजूद इसके चिकित्सकों एवं एवं कर्मचारियों की लापरवाही से स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हैं!

 

इस वजह से मरीज अस्पताल आने से कतराते हैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नैझर लगभग 20-25 ग्रामों के बीच बना यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सूची के आधार पर लगभग 8 कर्मचारी पदस्थ हैं! डॉक्टर समीर सरोते मेडिकल ऑफिसर,श्रीमती ललिता उइके एएनएम,अजीत कुमार मरकाम लैब टेक्नीशियन, सुखचैन भारतीय वार्ड बॉय, मानसिंह पंन्द्रे एमपीडब्ल्यू,चैन सिंह यादव सफाई कर्मचारी, चमन लाल साहू सफाई कर्मचारी,इन आठ कर्मचारियों की तैनाती है! मौके पर डॉक्टर की कुर्सी खाली मिली पर्ची काऊंटर एवं पूरा अस्पताल खाली मिला दवा वितरण काऊंटर भी खाली पड़ा मिला!

केवल सफाई कर्मचारी चैन सिंह यादव मौके पर उपस्थित मिले जानकारी के मुताबिक डॉक्टर समीर सरोते पिछले चार-पांच महीने से बाहर हैं दो नर्स जो संविदा कर्मचारी हैं उनकी रेगुलर पोस्टिंग होने के कारण रिजाइन देने घुघरी गई हुई थी! सारा दिन एक भी मरीज अस्पताल में नहीं आया उनकी अनुपस्थिति में स्वास्थ्य सुविधा बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है जो स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही को दर्शाता है यह सिविल सेवा आचरण के विपरीत है!

 

ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को घुघरी जनपद हॉस्पिटल जाना पड़ता है इलाज के लिए– जनपद के अनेको ग्रामीण प्राथमिक उपचार की सुविधाओं से वंचित है शासन द्वारा खोले गए इन प्राथमिक स्वास्थ्य केदो में आए दिन ताला लगा रहता है कर्मचारी हमेशा अपने केंद्रों से गायब रहते हैं इस वजह से ग्रामीण क्षेत्र में वहां के रहवासी प्राथमिक उपचार के लिए जनपद घुघरी जाते है जहां आने-जाने में उनकी सैकड़ो रुपए खर्च होते हैं!

 

जबकि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हर साल सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन जब अस्पताल का यह हाल है तो इन राशियों को कहां खर्च किया जाता है यह भी एक सोचने वाली बात है ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर कई दिनों से यह लापरवाही चलती आ रही है परंतु संबंधित विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं देते!

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