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स्वास्तिक अस्पताल में शव को बनाया बंधक 52 दिन अस्पताल में भर्ती था मरीज, बीमारी का पता नहीं और बन गया 15 लाख बिल , जमकर मचा हंगामा

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जबलपुर, यशभारत। दमोहनाका स्थित स्वास्तिक अस्पताल में शव को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर मोक्ष संस्था के अशीष ठाकुर और उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को शव सौंप दिया।

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ग्राम चितरंगी जिला सिंगरौली निवासी सीतराम विश्वकर्मा ने पत्नी फूलमती की तबीयत खराब होने पर उसे 21 सितंबर को जबलपुर लेकर आया था। सरकारी अस्पतालों में पत्नी को भर्ती नहीं किए जाने पर सीतराम ने अपने परिचित के माध्यम से दमोहनाका स्थित स्वास्तिक अस्पताल में पत्नी को भर्ती कराया। अस्पताल में पत्नी का 52 दिन तक इलाज चला और बुधवार की सुबह उसकी मौत हो गई।

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शव ले जाने से रोक दिया
पीडि़त सीताराम विश्वकर्मा ने बताया कि पत्नी के 52 दिन भर्ती होने पर 15 लाख का बिल थमाया गया जबकि 5 लाख रूपए इलाज के दौरान अस्पताल को दिए जा चुकेे थे। पत्नी की मौत हो जाने पर सुबह जब शव को ले जाने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने पूरा पैसा जमा करने के बाद ही शव सौंपने की बात कही। पीडि़त काफी देर तक अस्पताल प्रबंधन के आगे हाथ जोड़ता रहा, रोता-गिड़गिड़ाता रहा बाबजूद प्रबंधन का दिल नहीं पसीजा।

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मोक्ष को मिली जानकारी, अस्पताल में मचाया हंगामा
पीडि़त ने इसकी जानकारी मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर को दी। आशीष ने अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर स्वास्तिक अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। लूट-खसूट को लेकर अशीष ठाकुर ने अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। हंगामे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पीडि़त को शव सौंपा। आशीष ठाकुर ने शव को एंबुलेंस से गृह निवास भिजवाया।

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ताज होटल से भी मंहगा हो गया स्वास्तिक अस्पताल
स्वास्तिक अस्पताल किस तरह से इलाज के नाम पर लूट कर रहा है अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंगरौली के मरीज के परिजनों से 28 हजार रूपए प्रतिदिन के हिसाब से लिया गया इतना किराया तो ताज होटल तक का नहीं है।

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