सूर्य की किरणें उगल रही आग : तेज गर्मी के चलते जन जीवन प्रभावित, दोपहर में रोड़ हो जाती है सूनी

नरसिंहपुर यशभारत। मई का महीना चल रहा है और गर्मी अपने भयानक स्तर पर पहुंच गई है। चढ़ता पारा प्रचंड कहर बरपा रहा है, बाहर निकलने से ऐसा एहसास होता है मानों झुलस जाएंगे। इस कारण लोगों की हिम्मत सड़क पर निकलने की नहीं हो रही है। अचानक गर्मी बढऩे से असहजता महसूस हो रही है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। गर्मी लगने से बीमार पड़कर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है। पिछले दो- तीन दिनों से दोपहर होते ही सड़क पर कफ्र्यू जैसा सन्नाटा पसर जा रहा। कड़ी धूप के साथ ही उमस बढऩे से सांस लेने में परेशानी हो रही है। सिर पर आग उगलते सूर्य की किरण और उस पर गर्म हवाओं के थपेड़ों ने लोगों को पसीने से तरबतर कर दिया। रात के तापमान में भी वृद्धि हो रही है। अधिकतम तापमान 42 डिग्री पहुंच गया है तो न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रहा।
मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल झुलसाने वाली गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, बल्कि तापमान में अभी और वृद्धि होगी। वैसे कहीं- कहीं तेज हवा और गरज के साथ बारिश की संभावना है। लेकिन ये सिर्फ क्षणिक राहत ही दिला पायेगा। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले एक दो दिनों में रात के तापमान में दो-तीन डिग्री सेल्सियस का इजाफा हो सकता है। इससे अधिकतम तापमान 42 डिग्री पार करने का आसार हैं। माना जा रहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में हर वर्ष अधिकतम तापमान में भी वृद्धि हो रही है।
तेज गर्मी के चलते इन दिनों नगर सड़कों के बाजू में लगी गन्ना, जूसों की दुकानों पर भीड़भाड़ देखी जा रही है। नागरिक तेज गर्मी से राहत पाने के लिए इन दुकानों पर अपना गला दर करने के लिए पहुंच रहे है। वहीं पेय पदार्थों की दुकानों पर दोपहर व शाम के समय अधिक भीड़ नजर आ रही है। वहीं नागरिक तेज गर्मी से बचने के लिए अपने-अपने स्तर से जतन कर रहे है।
इलेक्ट्रानिक दुकानों पर लगी ग्राहकों की भीड़
गर्मी के मौसम में कूलर, पंखों की अधिक पूछपरख रहती है। शहर की इलेक्ट्रानिक दुकानों पर ग्राहक कूलर, पंखे खरीदने जा रहे है। हालांकि इस वर्ष महंगाई के दौर के चलते इनके रेट में काफी बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन तेज गर्मी व उमस से बचने के लिए मजबूरीवश नागरिक खरीद रहे है। वहीं दुकानदारों द्वारा इस वर्ष तेज गर्मी को देखते हुए कूलर, पंखों का स्टाक करके रख लिया गया था। वहीं नगर में खस की दुकानों पर भी लोग काफी संख्या में पहुंच रहे है।
बेचा जा रहा मीठा जहर
तेज गर्मी से राहत पाने के लिए नागरिक अपना गला तर करने के लिए नगर में लगी पेय पदार्थों की दुकानों पर पहुंच तो रहे है लेकिन कई दुकानदार इन ठंडे पेयपदार्थों में मिलावट कर बेच रहे है जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। देखा जा रहा है कि मिलावट व घटिया सामग्री के चलते नागरिक इनके सेवन से नागरिकों को उल्टी-दस्त सहित पेट दर्द की बीमारियां हो रही है। जिससे वे अस्पतालों की ओर रूख कर रहे है।
जबाव दे रहे कूलर, पंखे
लगातार पारा चढऩे से एसी और कूलर की मांग बढ़ गई है। मगर पारे के कड़क रुख से पंखा और कूलर भी प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं। आलम यह है कि अब दिन में कई बार एसी की हवा भी भीषण गर्मी से राहत नहीं दे पा रही है। रात में उमस के कारण भी लोगों को चैन नहीं मिल पा रहा है। रिकार्ड गर्मी पडऩे के कारण अस्पतालों में तीमारदार भी परेशान हैं। सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता है। एक तरफ लोग जहां गर्मी से परेशान हैं, वहीं भीषण गर्मी के कारण अस्तपाल में मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। दूर-दराज से आने वाले नागरिकोंं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन पर भी यात्री परेशान रहे। शुक्रवार को यह आलम था कि दोपहर में घर से बाहर निकलने पर शरीर झुलस जा रहा था। गर्मी के कारण बार-बार गला सूख जा रहा था। मुंह पर कपड़ा बांधने पर भी राहत नहीं मिल रही थी।
भीषण गर्मी को देखते हुए लगे प्याऊ
भीषण गर्मी को देखते हुए नगर पालिका परिषद द्वारा नगर के प्रमुख स्थलों पर शीतल जल की प्याऊ लगाई गई है। नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया बढ़ती गर्मी में राहगीरों को पानी की सर्वाधिक आवश्यकता होती है। खाने को कुछ न मिले लेकिन पानी के बिना व्यक्ति व्याकुल हो जाता है। नगर में पानी के अभाव में लोगों को दुकानों से पाउच व बोतलें खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही थी। लेकिन प्रशासन द्वारा शुरू की गई शीतल जल की प्याऊ से लोगों को राहत मिलेगी। बता दें कि नगर में नगर पालिका चौराहा, मंदिर, बस स्टेंड, रेल्वे स्टेशन सहित नगर के विभिन्न क्षेत्रों में प्याऊ शुरू की है।
बच्चों को लू का खतरा
इस भीषण गर्मी में बच्चों को लू और डायरिया होने का खतरा बढ़ गया है। जिला अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों को घर से बाहर निकालते समय उन्हें ढककर रखे। डायरिया होने पर तत्काल बच्चे को अस्पताल लाया जाए। प्राथमिक चिकित्सा के रूप में ओआरएस का घोल बच्चे को दिया जाए। चिकित्सकों के अनुसार बच्चों को दस्त की शिकायत होना, उल्टी होना, यूरिन कम होना, बुखार होना, पसीना न आना यह सब डायरिया के लक्ष्ण होते है। वहीं बीमारी से बचाने के लिए चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे को बाहर की कोई चीज न दी जाए, स्तनपान बंद न कराया जाए, स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाए, तुरंत बच्चे को अस्पताल लाया जाए, झोलाछाप के चक्कर में न पड़ा जाए। चिकित्सकों का कहना है कि बीमार होने पर तत्काल उचित चिकित्सक को दिखाये।
गर्मी के मौसम में कपड़ों का चयन काफी कठिन होता है, क्या पहने जिसमें गर्मी भी न लगे और वो स्टायलिश और ट्रेंडी भी हो, हालांकि गर्मी में कपड़ों के अलग-अलग स्टाइल को आसानी से आजमाया जा सकता है। जब मौसम का मिजाज बदलता है तो साथ ही साथ आपका ड्रैसिंग स्टाइल भी बदलने लगता है। गर्मी के आते ही वार्डरोब में रखे मोटे और गर्म कपड़ों की जगह हल्के कपड़े आ जाते हैं, युवा चाहते हैं इस गर्मी में कुछ ऐसा पहनें जो हमें गर्मी से राहत देने के साथ-साथ देखने वाले को भी ठंडक दे सभी चाहते हैं इस मौसम में हमारी ड्रेस एकदम अलग और यूनिक हो, इसके साथ ही वह सोबर भी लगे और ट्रेंडी भी।