सिवनी के डॉक्टर 20 फरवरी से करेंगे आंदोलन : शासकीय स्वशासी चिकित्सक संघ और मेडिकल कालेज टीचर्स ने सीएचएमओ को सौंपा ज्ञापन

सिवनी यश भारत:-सिवनी जिले के शासकीय स्वशासी चिकित्सक व मेडिकल कालेज के टीचर्स उच्च स्तरीय समिति के गठन, सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ सहित कई मांगो को लेकर 20 फरवरी से आंदोलन करेंगे। जहां आज दोपहर में शासकीय स्वशासी चिकित्सको व मेडिकल कॉलेज के टीचर्स मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहुंचे और सरकार के नाम सीएचएमओ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि म.प्र. शासकीय-स्वशासी चिकित्सक महासंघ लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, गृह विभाग एवं गैस राहत विभाग में कार्यरत 15,000 चिकित्सकों एवं जूनियर डॉक्टर्स का प्रतिनिधित्व करता हैं। आज आयोजित सदस्यों की बैठक में सर्वसम्मति से चिकित्सक महासंघ की कार्यकारिणी समिति के निर्णय के अनुसरण में निम्न क्रमबद्ध आन्दोलन प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया गया हैं :-
1.दिनांक 20 एवं 21 फरवरी को काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन ।
2.दिनांक 22 फरवरी को आधे घंटे कार्यस्थल के बाहर टोकन विरोध प्रदर्शन (इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी।) साथ ही चिन्हित अस्पतालों पर अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाई जाएगी ।
3.दिनांक 24 फरवरी को प्रदेशव्यापी “सामूहिक उपवास” कर अन्न त्याग के साथ 01 घंटे अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन (इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी) |
4.दिनांक 25 फरवरी से प्रदेशव्यापी प्रशासनिक असहयोग आंदोलन |
ये है मांगे
1.उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाना :- चिकित्सक महासंघ के चिकित्सकों के मूलभूत विषयों के समयबद्ध निराकरण तथा नीतिगत तकनीकी एवं चिकित्सकीय विषयों के निर्धारण में चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों को सम्मिलित कर उच्च स्तरीय समिति का तत्काल गठन किया जाना |
2.म.प्र. मंत्रिपरिषद की बैठक दि. 04.10.2023 के निर्णय का क्रियान्वयनः-म.प्र. मंत्रिपरिषद की बैठक दि. 04.10.2023 में चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों को 7वें वेतनमान का वास्तविक लाभ एवं मूल वेतन का निर्धारण किये जाने के पारित निर्णय का तत्काल आदेश जारी किया जाना।
3.समयमान / चयन वेतनमान के आदेशों का 01 माह में क्रियान्वित किया जाना :- राज्य शासन द्वारा चिकित्सकों को स्वीकृत समयमान / चयन वेतनमान (डीएसीपी समकक्ष) के 1.5 वर्ष पूर्व आदेश का लाभ चिकित्सकों को प्रदान करने हेतु आदेश का क्रियान्वयन 01 माह में सुनिश्चित किया जाना |
4.प्रशासनिक दखलंदाजी को लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा जैसे तकनीकी विभाग से समाप्त किया जाना :-
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा जैसे अत्यंत तकनीकी विभाग में चिकित्सकीय विषयों में अनावश्यक प्रशासनिक दखलंदाजी को समाप्त कर प्रशासनिक पदों पर तकनीकी विशेषज्ञ चिकित्सकों / चिकित्सा शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति प्रदान किया जाना |
5.चिकित्सकों एवं जूनियर डॉक्टर्स को कार्यक्षेत्र में सुरक्षा एवं बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित नेशनल टास्क फ़ोर्स की सिफारिशों को तत्काल क्रियान्वित किया जाना। सहित अन्य मांगे हैं।वहीं मेडिकल कालेज सिवनी के टीचर्स ने भी कई मांगे की है।