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सागर जेल में 151 के आरोपी से मारपीट का आरोप : कोर्ट से जमानत लेकर जब परिजन जेल पहुंचे तो परिजन को बीएमसी में भर्ती मिला भाई, शरीर पर थे चोटों के निशान 

यश भारत सागर l सागर के केंद्रीय जेल में 151 के मामले में बंद युवक के साथ जेल के अंदर मारपीट किए जाने का आरोप परिवार वालों ने लगाए है। युवक बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती है। वहीं जेल प्रबंधन मारपीट के आरोपों को निराधार बता रहा है।

 

दरअसल, कैंट थाना पुलिस ने शनिवार को शराबखोरी के मामले में देवेंद्र पिता शिवप्रसाद उम्र 35 साल निवासी कैंट कॉलोनी को पकड़ा था। धारा 151 के तहत कार्रवाई कर पुलिस ने उसे सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पेश किया जहां शनिवार को उसे जेल भेज दिया था इसी बीच मंगलवार को देवेंद्र की *जमानत* हो गई। परिवार वाले कोर्ट से जमानत लेकर जेल पहुंचे। जहां देवेंद्र को छोड़ने की बात कही। तब पता चला कि वह बीएमसी के जेल वार्ड में भर्ती है।

 

परिवार वाले बीएमसी के जेल वार्ड पहुंचे और देखा तो देवेंद्र भर्ती था। उसे शरीर पर चोटों के निशान थे। जिस पर परिवार वालों ने घटनाक्रम को लेकर विरोध जताया और जेल प्रबंधन पर मारपीट का आरोप लगाया। घायल देवेंद्र के भाई रविंद्र कुमार ने बताया कि 24 अगस्त को शराबखोरी के मामले में कैंट पुलिस ने भाई देवेंद्र को पकड़ा था। उसे जेल भेजा गया। जब जेल छोड़ने गए थे तो वह स्वस्थ था। जिसके बाद मंगलवार को उसकी जमानत ली। जमानत लेकर जेल पहुंचे तो पता चला कि देवेंद्र बीएमसी में भर्ती है। अस्पताल में जाकर देखा तो उसके सिर, आंख और जांघों पर चोटों के निशान हैं। उसकी स्थिति गंभीर है।

 

जेल के अंदर भाई के साथ मारपीट की गई। हालांकि जेल वार्ड से घायल देवेंद्र को बीएमसी के 15 नंबर आईसीयू में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। अस्पताल में देवेंद्र अभी बोलने की स्थिति में नहीं है। जेल में गिरने से कैदी के सिर में आई थी चोट जेल अधीक्षक मानेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि 24 अगस्त को 151 के तहत देवेंद्र पिता शिवप्रसाद की जेल में आमद हुई थी। उसे नई आमद वार्ड क्रमांक 6 में रखा गया था। 25 अगस्त को मुलायजा कराया जाना था। तभी वह वार्ड में गिर गया। जिससे उसे जेल में गिरने से कैदी के सिर में आई थी चोट जेल अधीक्षक मानेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि 24 अगस्त को 151 के तहत देवेंद्र पिता शिवप्रसाद की जेल में आमद हुई थी। उसे नई आमद वार्ड क्रमांक 6 में रखा गया था। 25 अगस्त को मुलायजा कराया जाना था। तभी वह वार्ड में गिर गया। जिससे उसे चोट आई।

 

तत्काल उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने इलाज किया। जिसके बाद बीएमसी रैफर किया गया था। इसी बीच उसकी सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से रिहाई आ गई। परिवार वालों से पावती देने का बोला तो वह आरोप लगाने लगे। जबकि जेल के अंदर उसके साथ किसी प्रकार की मारपीट नहीं की गई है। वह शराब पीने का आदी था। वार्ड में गिरने के कारण चोट लगी थी। मारपीट जैसे सभी आरोप निराधार हैं.l

 

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