सरकार को वादा याद दिलाने मंडी कर्मियों की हड़ताल: काली पटटी बांधकर किया प्रदर्शन
जबलपुर में 65 तो पूरे प्रदेश में 10 हजार कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन

जबलपुर। जबलपुर मंडी के 65 तो पूरे प्रदेश में करीब 10 हजार मंडी कर्मचारियों ने शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर काम किया। सुबह दफ्तर पहुंचते ही उन्होंने काली पट्टी बांधी और नारेबाजी की। पूरे दिन वे काली पट्टी बांधकर ही काम किया। इस प्रदर्शन के जरिए वे प्रदेश सरकार को उस वादे की याद दिला रहे हैं, जो सितंबर-अक्टूबर 2020 को किया था।
कृषि उपज मंडी कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष दिलीप ठाकुर ने बताया कि पिछले साल 3 अक्टूबर को सीएम शिवराज सिंह चौहान एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने तीन महीने के भीतर मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया था, पर अब एक साल बीत गया है। बावजूद मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं। हालांकि, प्रस्ताव जरूर बन गया है, लेकिन वरिष्ठ अफसरों के पास ही फाइल पेंडिंग है। सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए ही प्रदर्शन की शुरूआत की जा रही है।

पिछले साल मंडीकर्मियों ने वेतन-पेंशन और मंडी बोर्ड में मर्ज करने के लिए बड़ा आंदोलन किया था। रैली, लाठीचार्ज और कई दिन तक धरना-प्रदर्शन करने के बाद सरकार ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड के पदाधिकारियों का कहना है कि एक साल बाद भी मांगें पूरी नहीं हो गई है। सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए शुक्रवार से प्रदर्शन की शुरूआत कर दी गई है। पहले दिन मंडीकर्मी काली पट्टी बांधकर काम किया। यदि सरकार ने तब भी मांगों के निराकरण करने का वादा नहीं निभाया, तो 10 दिन बाद प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करने की रणनीति बनाई जाएगी।
ये हुआ था पिछले साल
-पेंशन-वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले साल सितंबर में प्रदेशभर की मंडियों के अधिकारी-कर्मचारी कई दिन तक हड़ताल पर रहे थे।
-हड़ताल के दौरान वल्लभ भवन के पास पुलिस ने आंदोलनकारी मंडीकर्मियों पर लाठीचार्ज भी किया था।
-बाद में सरकार ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था।
आश्वासन के बाद कई दिन से चल रही हड़ताल खत्म हो गई थी।
मांगों का निराकरण 3 महीने में किया जाना था, लेकिन 1 साल बीत चुका है।