प्रदेश में शराब ठेकेदारों ने फर्जी चालान जमाकर सरकार को 4 साल में 56 करोड़ रु. से ज्यादा का चूना लगाया। इन लोगों ने बीते चार साल में आबकारी नीति के खिलाफ जाली फिक्स डिपॉजिट रिसीप्ट (एफडीआर) तैयार कराकर 7 हजार रुपए की एफडी को 70 लाख, तो 47100 की एफडी को 7 करोड़ रु. का बताकर 25 करोड़ रु. का व्यापार भी कर लिया।
बड़ी बात ये कि जिला ट्रेजरी और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इस एफडी की बैंक से 3 दिन में भी जांच नहीं कराई और कलेक्टरों ने मामले को छिपाया। अब वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि जांच करा रहे हैं, दोषियों को बख्शेंगे नहीं।